India News (इंडिया न्यूज), DRG Jawan Raju Ayom: भारत की धरती पर अनेक वीर सपूतों ने जन्म लिया है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसे ही एक शूरवीर थे राजू आयोम, जिन्होंने अपनी बहादुरी से इतिहास रच दिया। देश ऐसे वीर सपूत को नमन करता है! जय हिंद।
नक्सलियों से हुई भीषण मुठभेड़
20 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस अभियान में DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवान राजू आयोम अपनी टुकड़ी के साथ नक्सलियों का मुकाबला कर रहे थे। अचानक उन पर हमला हुआ, जिसमें उन्हें सात गोलियां लगीं। लेकिन वे पीछे हटने वालों में से नहीं थे। घायल होने के बावजूद, उन्होंने चार नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया। अंततः वीरगति को प्राप्त होने से पहले उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी।
देशभर से मिला सम्मान
इस मुठभेड़ में 26 नक्सली मारे गए, लेकिन राजू आयोम की शहादत ने पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी वीरता और बलिदान को सलाम करने के लिए बीजापुर मुख्यालय में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद, उनका पार्थिव शरीर गृहग्राम भैरमगढ़ ले जाया गया, जहां पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
गांव में उमड़ा जनसैलाब
राजू आयोम की अंतिम यात्रा में हजारों ग्रामीण उमड़ पड़े। हर किसी की आंखें नम थीं, लेकिन गर्व भी था कि उनके गांव का बेटा मातृभूमि के लिए बलिदान देकर अमर हो गया। उनके बलिदान की गूंज न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश में सुनाई दी।
राजू आयोम हमेशा अमर रहेंगे
राजू आयोम ने साबित कर दिया कि आदिवासी समाज के लोग कितने वीर और निडर होते हैं। वे पीठ पर नहीं, बल्कि सीने पर गोली खाने में विश्वास रखते हैं। उनका यह बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा, और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
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