India News (इंडिया न्यज),Chhattisgarh News: भिलाई इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से पुलिस आरोपियों तक आसानी से पहुंच जाएगी और उन्हें पकड़ लेगी। ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसके दायरे में आते ही पुलिस के पास एक मैसेज जाएगा और उसके पिछले समय में किए गए अपराधिक गतिविधियों की सारी जानकारी सामने आ जाएगी। फिर उसी मैसेज की मदद से अपराधी पकड़ा जाएगा।

पिछले 10 साल के 5 हजार अपराधियों का डाटाबेस बनाया गया

दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि वर्तमान समय में अपराध की घटनाओं को देखते हुए एवं अपराधियों की त्वरित पहचान के लिए पुलिस की सहायता करने कोर्डिंग वाईजार्ड ग्रुप द्वारा फेशियल रिकॉग्नाइजेशन सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इस में दुर्ग जिले के पिछले 10 साल के 5 हजार अपराधियों का डाटाबेस बनाया गया है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य जिलों के भी अपराधियों की इंट्री की जा रही है।

आरोपियों का फोटो अपलोड किया जा रहा है

सॉफ्टवेयर में जिले के सभी थानो का एकाउंट बनाया गया है। इसके माध्यम से पुलिस अपने एकाउंट से लॉगिन कर पेट्रोलिंग रात्रि गश्त के दौरान मिलने वाले संदेही आरोपियों का फोटो अपलोड किया जा रहा है। ए.आई.बॉट की सहायता से एक क्लिक में अपराधियों का अपराधिक रिकार्ड तुरंत मिल जाता है। सॉफ्टवेयर में संदेही आरोपी निगरानी गुण्डा बदमाश की पूरी जानकारी एंड किया जा रहा है।

कोर्डिंग वाईजार्ड ग्रुप विपीन कुमार गौतम ने बताया कि…

गौरतलब रहे कि रात्रि गश्त के दौरान कभी कभी पुलिस का सामना संदिग्ध लोगों से हो जाता है। ऐसे समय में सामान्य पूछताछ कर संतोषप्रद जवाब मिलने पर व्यक्ति को बिना किसी कार्यवाही के छोड़ दिया जाता है। लेकिन इस साफ्टवेयर के जरिए अब किसी पर संदेह होने पर पुलिस उसका फोटो खींचकर वाट्सएप पर मैसेज भेजकर यह पता लगा लेगी कि उस व्यक्ति का अपराधिक रिकार्ड तो नहीं है।

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