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Chhattisgarh News: 4 दिन पुरानी शव मिलने से मचा हड़कंप, जानें क्या है पूरा मामला

Deepika Tiwari • LAST UPDATED : October 26, 2024, 6:04 pm IST

India News(इंडिया न्यूज) Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के मिलुपारा-बांजीखोल के केंदाडोंगरी पहाड़ी में मिले चार दिन पुराने युवक के शव के मामले में पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई है। अपने दोस्त की बाइक हड़पने के लिए तीन लोगों ने मिलकर इस हत्या को अंजाम दिया था। पुलिस ने इस मामले में एक नाबालिग समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

क्या है पूरा मामला

मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र अंतर्गत मिलुपारा-बांजीखोल मार्ग किनारे केंदाडोंगरी पहाड़ी पर 20 अक्टूबर को एक युवक का शव मिला था। जिस पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही थी। जांच में पता चला है कि युवक की हत्या की गई है, इस मामले में पुलिस ने एक नाबालिग समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तमनार पुलिस घटना में अन्य लोगों के शामिल होने की संभावना पर भी आगे की जांच कर रही है। फिलहाल तमनार पुलिस ने नाबालिग को बाल सुधार गृह भेज दिया है और एक आरोपी को रिमांड पर भेज दिया है, जबकि अन्य आरोपियों को रिमांड पर भेजने की तैयारी की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र उर्फ ​​बोनू सारथी निवासी कंचनपुर और मृतक टिकेश्वर लोधा पिता श्यामलाल उम्र 19 साल निवासी नयारामपुर (बिचिरा) की मुलाकात कुछ दिन पहले हुई थी। इस दौरान मृतक बाइक से नरेंद्र के घर गया था। जहां से दोनों ने गांजा और नशीली दवा का सेवन किया और सरईडीपा की ओर घूमने चले गए। सरईडीपा पहुंचने के बाद दोनों सड़क से गुजर रहे थे, तभी विजय चौहान और नाबालिग छत पर गांजा पी रहे थे। विजय चौहान और नरेंद्र के बीच पुरानी जान-पहचान होने के कारण विजय ने नरेंद्र को फोन किया।

जिसके बाद मृतक और तीनों लड़के छत पर मिले, फिर सभी ने गांजा पीया और मिलुपारा-बांजीखोल की ओर घूमने चले गए। जहां मृतक अधिक नशा होने के कारण सड़क किनारे घास में लेट गया। नरेंद्र ने पूरी योजना विजय और नाबालिग लड़के को बताई। उसने कहा कि टिकेश्वर की हत्या करने के बाद हम उसकी बाइक चोरी कर लेंगे और महंगी बाइक पर हम तीनों बारी-बारी से घूमेंगे। लेकिन विजय और नाबालिग लड़का डर गए। बातचीत के दौरान टिकेश्वर की नींद खुली, तब वह नशे में था। जिसके कारण नरेन्द्र उर्फ ​​बोंदू की प्लानिंग धरी की धरी रह गई।

जब टिकेश्वर को होश आया तो चारों उसे फिर से नशा कराने घरघोड़ा आए, जहां सभी ने मिलकर नशीली गोलियां खरीदी। जिसके लिए नाबालिग ने 200 रुपए दिए। फिर सभी ने मिलकर तय किया कि पहले शराब पिएंगे और फिर गोलियां खाएंगे। शराब भट्ठी से शराब लेने के बाद चारों पास के ही एक ढाबे पर गए। जहां नाबालिग को छोड़कर तीनों ने शराब पी और खाना खाने की बात कहकर दूसरे ढाबे पर चले गए। ढाबे पर उनकी मुलाकात विजय के परिचित राजेश से हुई। वहां से नाबालिग और टिकेश्वर को ढाबे पर छोड़कर विजय, नरेन्द्र और राजेश शराब खरीदने शराब दुकान चले गए। जहां राजेश को अधिक नशा होने के कारण उल्टी होने लगी।

तभी नरेन्द्र ने किसी से बात करने के लिए विजय का मोबाइल लिया। फिर मोबाइल वापस किए बिना वह सीधे ढाबे में टिकेश्वर और नाबालिग के पास पहुंच गया। इसी बीच विजय ने राजेश को अपने एक परिचित के साथ घर भेज दिया। नरेंद्र के ढाबा पर पहुंचने के बाद तीनों कार में पेट्रोल भराने फागूराम स्थित नायरा पेट्रोल पंप गए। जहां उन्होंने कार की टंकी में 1170 रुपए का पेट्रोल भराया, लेकिन उनके पास पैसे नहीं होने से उन्होंने पैसे के बदले चोरी का मोबाइल पेट्रोल पंप में रख दिया और कहा कि सुबह आकर पैसे देकर मोबाइल ले जाएंगे। पेट्रोल भराने के बाद तीनों निकल रहे थे, तभी रास्ते में उन्हें विजय मिला।

फिर चारों ने पूरी रात साथ में घूमते हुए बिताई। सुबह 4 बजे चारों फिर सरईडीपा पहुंचे, जहां से वे मिलुपारा-बांजीखोल पहाड़ी पर पहुंचे। पहाड़ की कुछ ऊंचाई पर पहुंचने पर चारों ने फिर से गांजा का सेवन किया, जिसके बाद नरेंद्र ने उन्हें पहाड़ की चोटी पर चलने को कहा। पहाड़ पर आगे जाकर सभी ने फिर एक साथ गांजा पिया। जहां टिकेश्वर फिर से पूरी तरह नशे में धुत हो गया और सिर झुकाकर बैठ गया। फिर तीनों ने मिलकर टिकेश्वर की हत्या की योजना बनाई। लेकिन उनके पास टिकेश्वर को मारने के लिए कोई बड़ा हथियार नहीं था। तब नरेंद्र ने पास की झाड़ी से एक डंडा तोड़ा और विजय को थमा दिया। फिर विजय ने लगातार टिकेश्वर के सिर पर हमला किया, जिससे वह जमीन पर गिर गया।

टिकेश्वर के जमीन पर लेट जाने के बाद नाबालिग ने पत्थर से टिकेश्वर के सिर पर हमला कर दिया और नरेन्द्र ने अपने पास रखे चाकू से उसका गला रेत दिया, जिससे टिकेश्वर के गले से खून बहने लगा। फिर तीनों ने टिकेश्वर की बाइक का नंबर प्लेट तोड़कर फेंक दिया और सरईडीपा आ गए, जहां तीनों ने फिर से गांजा पिया और फिर बाइक की पहचान छिपाने के लिए तीनों स्टीकर लगवाने तमनार आ गए। विजय टिकेश्वर की बाइक लेकर रायगढ़ आया और बाइक को एक परिचित के घर छोड़ दिया और अपने परिचित की बाइक लेकर पुंजीपथरा के पास अपनी मौसी के घर चला गया। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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