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Corona Situation In The Country: कोरोना वायरस की तीसरी लहर रोकने के लिए भारत की तैयारी क्या है?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 2, 2022, 1:14 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Corona Situation In The Country:
देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने अब रफ्तार पकड़ ली है। ओमिक्रॉन के मामलों में तेजी से कोरोना के नए केस भी बढ़ने लगे हैं। (Omicron in india) अभी तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ओमिक्रॉन केस देश में 1431 पार हो गए हैं।

इस मामले में दिल्ली सरकार ने सूचना जारी कर बताया है कि राजधानी में ओमिक्रॉन वेरिएंट का कम्यूनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। दिल्ली में कोरोना के नए मामलों में से 46 फीसदी मामले ओमिक्रॉन के हैं। आइए जानते हैं कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए भारत की तैयारी क्या है? महामारी को रोकने के लिए सबसे अहम फैक्टर्स में 2019 के मुकाबले कहां खड़ा है भारत?। (Where Is The Country Standing As Compared To 2019 To Stop The Third Wave?)

(India Is Backward Among The BRICS) इन सबके बीच ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स ने रिपोर्ट में भारत के महामारियों से लड़ने के इंतजामों पर चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में 2019 की तुलना में भारत 57 रैंक से नीचे गिरकर 66 रैंक पर पहुंच गया है। रिसर्च बताती है तीसरी लहर से निपटने के लिए भारत सभी ब्रिक्स देशों में सबसे कम तैयार है।

क्या है जीएचएस, रिसर्च के छह पैमाने क्या हैं?

  • GHS Report: जॉन हॉपकिन्स नाम की एक संस्था हर साल दुनिया के करीब 195 देशों के स्वास्थ्य व्यवस्था पर रिपोर्ट जारी करती है। इस रिपोर्ट का नाम ग्लोबल हेल्थ सिक्यारिटी (जीएचएस) है।
  • इस रिपोर्ट में महामारी के खिलाफ लड़ने को लेकर सभी देशों की तैयारी के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है। बता दें ग्लोबल हेल्थ इंडेक्स ने अपनी रिसर्च किसी देश के हेल्थ सिस्टम को 6 पैमानों का मापने का काम किया है। वो फैक्टर इस तरह से हैं।
  • जैसे कि किसी महामारी के रोकथाम के उपाय। महामारी या बीमारी को रोकने के लिए जांच। महामारी को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम। स्वास्थ्य व्यवस्था और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर। अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन। महामारी रोकने के लिए उस देश की राजनीतिक, समाजिक परिस्थिति।

 भारत 2019 में कहां था और 2021 में कहां है ( Where was India in 2019 and where is it in 2021 )

  • रोकथाम: साल 2019 में भारत को 29.7 स्कोर मिला था। 2021 में भी यह स्कोर 29.7 ही है। देश के लोगों को कोरोना काल में रहते हुए दो साल हो चुके हैं। संक्रमण ने अभी तक 4.81 लाख लोगों की जान ली है। दो सालों के बाद भी सरकार महामारी से बचाव के बेहतर उपाय नहीं खोज पाई है।
  • बीमारी की जांच: साल 2019 में भारत को इस पैमाने पर 37.2 का स्कोर मिला था। 2021 में यह बढ़कर 43.5 हो गया है। साफ है कि बीमारी की जांच के लिए सरकार ने जो कदम उठाए, उससे भारत की स्थिति बेहतर हुई है।
  • तीव्र प्रतिक्रिया: 2019 की तुलना में 2021 में स्थिति बिगड़ी ही है। इस मामले में 2019 में जहां देश ने 42.1 का स्कोर किया था। वहीं, साल 2021 में देश ने 30.3 का स्कोर किया है।
  • स्वास्थ्य प्रणाली: 2019 में भारत का स्कोर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में 46.1 था। 2021 में भी 46.1 ही है। इस क्षेत्र में भारत ने कोई खास तरक्की नहीं की है। साफ है कि तीसरी लहर से लड़ने के लिए देश का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर अभी भी कमजोर है।
  • अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन: अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के पालन मामले में भी भारत को 47.2 अंक मिले हैं। इतने ही अंक 2019 में भी मिले थे। मतलब साफ है कि दूसरे देशों से कोआॅर्डिनेशन या अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन मामले में भारत का प्रदर्शन सही नहीं रहा।
  • महामारी रोकने के लिए उस देश की परिस्थिति: भारत को इस पैमाने पर साल 2019 में 59.1 स्कोर मिला था। 2021 में 60.2 मिला है। इसका अर्थ हुआ कि सामाजिक, राजनीतिक स्तर पर भी देश में महामारी को रोकने के लिए लोग जागरूक हुए हैं।

जीएचएस में ब्रिक्स देशों में सबसे निचले पायदान पर भारत

Global Health report: ग्लोबल हेल्थ सिक्यारिटी (जीएचएस) में भारत ब्रिक्स के पांच देशों में सबसे निचले पायदान पर है। इनमें सबसे अच्छी रैंकिंग ब्राजील की है। ब्राजील 195 देशों में 43 रैंक पर है, जबकि भारत की रैंकिंग 66 है। वहीं, रूस 47, चीन 52 और साउथ अफ्रीका 56 रैंक पर है।

क्या है दो पैमाने पर भारत का शानदार काम?

  • कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में लोगों ने समय पर कोरोना टेस्ट और उसकी रिपोर्ट न मिलने की शिकायत की थी। इसके बाद केंद्र और राज्य के सार्थक प्रयास से कोरोना की जांच के मामले में काफी सुधार हुआ था।
  • डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट में भी 37.2 से बढ़कर 43.5 भारत ने स्कोर किया है। इसके अलावा, बीमारी को रोकने में किसी देश की परिस्थिति वाले पैमाने में भी भारत ने अच्छा काम किया है। इसमें देखा जाता है कि महामारी रोकथाम के समय उस देश की स्थिति जैसे वहां की सरकार, राजनीति, सामाजिक व्यवस्था, पड़ोसी देशों से संबंध कैसे हैं। 2019 से भारत को इस पैमाने पर एक अंक ज्यादा मिले हैं।

हेल्थ इमरजेंसी के लिए भारत के पास नहीं कोई योजना

  • रिपोर्ट में सबसे चिंता वाली बात यह सामने आई है कि हेल्थ इमरजेंसी के लिए भारत के पास कोई योजना नहीं है। कोरोना महामारी के बाद भी भारत में बीमारी रोकने के लिए तुरंत उठाए जाने वाले ठोस कदम (रैपिड रिस्पांस) को लेकर स्थिति सुधरने के बजाय खराब हुई है।
  • हालांकि, इस पैमाने पर 58 फीसदी देशों को एवरेज से कम का स्कोर मिला। भारत ने 2019 की तुलना में 2021 में 11 फीसदी से ज्यादा खराब प्रदर्शन किया है।
  • वहीं बताया जा रहा है कि तीसरी लहर रोकने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों को कोविड-19 की टेस्टिंग बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को ठीक करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। साथ ही ओमिक्रॉन जांच के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग को बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं।

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