इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
New Covid Variant Deltacron: कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल रखा है, और वहीं (Coronavirus) कोरोना वायरस का एक नया स्ट्रेन पाया गया है, जिसे लेकर रिसर्चर्स का दावा है कि इसमें डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों वेरिएंट के लक्षण हैं। इसे यूनिवर्सिटी आफ साइप्रस के रिसर्चर्स ने ‘डेल्टाक्रॉन’ नाम दिया है। आइए जानते हैं क्या डेल्टा और ओमिक्रॉन का मिश्रण ‘डेल्टाक्रॉन’ हो सकता है दुनिया के लिए खतरनाक?।
Cypriot scientist Leonidos Kostrikis: कोरोना के नए स्ट्रेन ‘डेल्टाक्रॉन’ की खोज यूनिवर्सिटी आफ साइप्रस के लैबोरेटरी आफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी के हेड और बायोलॉजिकल साइंसेज के प्रोफेसर लियोनडिओस कोस्त्रिकिस के नेतृत्व वाली टीम ने की है।
नए स्ट्रेन डेल्ट्राक्रॉन को लेकर प्रोफेसर कोस्त्रिकिस ने कहा, ”यह (omicron) ओमिक्रॉन और डेल्टा का को-इन्फेक्शन है और हमने जो स्ट्रेन पाया है उसमें इन दोनों का कॉम्बिनेशन है। इस खोज को डेल्टाक्रॉन नाम दिया गया है, क्योंकि डेल्टा जीनोम के अंदर ओमिक्रॉन जैसे जेनेटिक लक्षण मिले हैं।”
रिसर्चर्स के मुताबिक, साइप्रस में अब तक 25 लोगों में डेल्टाक्रॉन पाया गया है। प्रोफेसर के मुताबिक, साइप्रस में जिन 25 लोगों में नया स्ट्रेन पाया गया है, उनमें से 11 लोग कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे। वहीं बाकी के 14 लोग ऐसे थो जो कोविड पॉजिटिव थे, लेकिन हॉस्पिटल में भर्ती नहीं थे। यानी, इस नए कोरोना स्ट्रेन से इन्फेक्शन का खतरा हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले लोगों को ज्यादा है।
कोरोना का नया स्ट्रेन डेल्टाक्रॉन ऐसे समय में मिला है जब ओमिक्रॉन की वजह से दुनिया भर में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में एक नया कोरोना स्ट्रेन निश्चित तौर पर एक नई आफत जैसा है। हालांकि, इस नए स्ट्रेन को लेकर स्टडी अभी शुरूआती दौर में हैं। साइप्रस ने सात जनवरी को ही जिन 25 सैंपल में डेल्टाक्रॉन पाए गए थे, उन्हें जांच के लिए सभी इन्फ्लूएंजा डेटा साझा करने पर वैश्विक पहल (जीआईएसएआईडी) के पास भेजा है। जीआईएसएआईडी इंफ्लूएंजा और कोरोना वायरस में परिवर्तन को ट्रैक करने वाला इंटरनेशनल डेटाबेस है।
साइप्रस के प्रोफेसर ने डेल्टाक्रॉन से खतरे को लेकर कहा है कि हमें भविष्य में पता चलेगा कि क्या ये स्ट्रेन अधिक बीमारी पैदा करने वाला है, ज्यादा संक्रामक है, या क्या ये डेल्टा और ओमिक्रॉन से ज्यादा प्रभावी होगा?।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन कोरोना वायरस के हर नए वेरिएंट्स पर नजर रखता है और उसकी गंभीरता के हिसाब से उसकी श्रेणी निर्धारित करता है। जैसे डेल्टा और ओमिक्रॉन को डब्ल्यूएचओ ने ‘वेरिएंट आॅफ कंसर्न’ घोषित किया है, यानी ये दोनों वेरिएंट चिंताजनक श्रेणी में है।
साइप्रस में पाए गए डेल्टाक्रॉन पर डब्ल्यूएचओ ने अब तक कुछ नहीं कहा है। यानी, साइप्रस के रिसर्चर्स जिसे डेल्टाक्रॉन स्ट्रेन कह रहे हैं, उसे लेकर अभी वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन का कोई आधिकारिक बयान आना बाकी है।
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