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Sputnik Light Vaccine: देश में "स्पुतनिक लाइट" वैक्सीन को मिली मंजूरी, क्या कोरोना के खिलाफ होगी कारगर साबित?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : February 9, 2022, 1:12 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Sputnik Light Vaccine:
देश में कोरोना संक्रमण को खत्म करने के लिए रूस की वैक्सीन ”स्पुतनिक लाइट” को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीजीसीआई) से उपयोग करने की मंजूरी मिल गई है। (sputnik light vaccine india availability) इस बात की जानकारी बीते रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक ट्वीट के जरिए दी है।

स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को मिलाकर देश में अब कुल नौ तरह की वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। (sputnik lite india) स्पुतनिक लाइट देश में अप्रूवल पाने वाली दूसरी सिंगल डोज वैक्सीन है। आइए जानते हैं कोरोना के खिलाफ कितनी कारगर है स्पुतनिक लाइट वैक्सीन, क्या हैं इसके फायदे।

कैसी है स्पुतनिक लाइट वैक्सीन?

कोरोना वायरस की सिंगल डोज वैक्सीन है ”स्पुतनिक लाइट”। इस वैक्सीन को रूस ने बनाया है। इसके कॉम्पोनेंट्स लगभग रूस की ही डबल डोज वैक्सीन स्पूतनिक वी जैसे हैं। स्पुतनिक वी को मई 2021 में भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। इससे पहले भारत में अगस्त 2021 में जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिली थी। जॉनसन एंड जॉनसन भी स्पुतनिक लाइट की तरह वायरल वेक्टर वैक्सीन है।

किसने बनाई वैक्सीन? (Sputnik Light Vaccine)

स्पुतनिक वी की तरह ही स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को रूस ने डेवलप किया है। इन दोनों वैक्सीन को गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर आफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने मिलकर बनाया है। भारत में स्पुतनिक लाइट वैक्सीन का डिस्ट्रीब्यूशन हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटीज,आरडीआईएफ के सहयोग से करेगी।

Sputnik Light Vaccine की कीमत कितनी?

भारत में अभी आधिकारिक तौर पर स्पुतनिक लाइट की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है, (sputnik light price in india) लेकिन माना जा रहा है कि इसकी कीमत स्पुतनिक वी के एक डोज के बराबर हो सकती है। स्पुतनिक वी के एक डोज (sputnik lite vaccine doses) की कीमत भारत में 995 रुपए है।

Sputnik Light Vaccine

क्या कोरोना के खिलाफ है कारगर Sputnik Light Vaccine?

  • रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने गमलेया सेंटर में 28 हजार लोगों पर की गई अपनी एक हालिया स्टडी में स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की एफिकेसी बताई।
  • स्पुतनिक लाइट की एफिकेसी 79.4 फीसदी रही। वहीं डबल डोज वाले स्पुतनिक वी की एफिकेसी 91.6 फीसदी रही। स्पुतनिक लाइट वैक्सीन की डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ एफिकेसी 70 फीसदी रही।
  • स्पुतनिक लाइट की 60 साल से कम उम्र के लोगों में एफिकेसी 75 फीसदी रही। बूस्टर डोज के रूप में स्पुतनिक लाइट की डेल्टा के खिलाफ एफिकेसी स्पुतनिक वी के दो डोज के लगभग बराबर है।
  • बूस्टर डोज के रूप में स्पुतनिक लाइट डेल्टा इन्फेक्शन के खिलाफ 83 फीसदी कारगर रही, जबकि हॉस्पिटलाइजेशन रोकने में 94 फीसदी कारगर रही। एक स्टडी में पाया गया है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ दो गुना ज्यादा एंटीबॉडी पैदा करती है स्पुतनिक लाइट वैक्सीन।

वैक्सीन में एफिकेसी क्या होती है?

वैक्सीन की एफिकेसी या प्रभावशीलता इस बात का पैमाना होती है कि क्लीनिकल ट्रायल्स में वैक्सीन बीमारी को रोकने में कितनी कारगर रही। वैक्सीन की एफिकेसी से यह पता चलता है कि वास्तविक दुनिया में ये बीमारी से कितनी अच्छी तरह बचाव करती है।

Sputnik Light Vaccine

sputnik light vs sputnik v में क्या अंतर है?

  • स्पुतनिक वी जहां डबल डोज वैक्सीन है, तो वहीं स्पुतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन है। स्पुतनिक वी और स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के कॉम्पोनेंट्स एक जैसे ही हैं और ये दोनों एडिनोवायरस वेक्टर वैक्सीन हैं।
  • स्पुतनिक वी एंटीबॉडी बनाने के लिए इम्यून सेल को टारगेट करता है। वहीं स्पुतनिक लाइट सेल को स्पाइक प्रोटीन बनाने की इंफॉर्मेशन देने के लिए रिकॉम्बिनेंट ह्यूमन एडिनोवायरस का यूज करता है।
  • एडिनोवायरस से ही आम सर्दी-जुकाम होता है और ये वायरस सदियों से इंसान के साथ रहता आया है। स्पुतनिक वी के पहले डोज में रिकॉम्बिनेंट एडिनोवायरस वेक्टर 26 (एडी26) और दूसरे डोज में एडिनोवायरस वेक्टर 5 (एडी 5) का यूज होता है।
  • वहीं स्पुतनिक लाइट के सिंगल डोज में स्पुतनिक वी के एडिनोवायरस वेक्टर 26 (एडी26) का यूज होता है। स्पुतनिक वी का इस्तेमाल दुनिया के 65 देशों में हो रहा है, वहीं स्पुतनिक लाइट का यूज 30 देशों में हो रहा है।

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स्पुतनिक लाइट वैक्सीन के नुकसान क्या?

स्पुतनिक लाइट वैक्सीन से अब तक गंभीर साइड इफेक्ट की जानकारी नहीं है। स्पुतनिक लाइट वैक्सीन लगवाने के बाद बुखार, सिरदर्द, थकान और मसल्स पेन हो सकता है।

क्या भारत के लिए गेमचेंजर साबित हो सकेगी यह वैक्सीन?

  • स्पुतनिक लाइट को बनाने वाली कंपनी आरडीआईएफ का कहना है कि सिंगल डोज वैक्सीन होने की वजह से कम वैक्सीनेशन वाले देशों के लिए ये वैक्सीन वरदान सिद्ध हो सकती है। भारत में 95 करोड़ वयस्क आबादी में से करीब 75फीसदी ही फुली वैक्सीनेटेड हैं। ऐसे में पूरी आबादी के जल्द वैक्सीनेशन के लिए स्पुतनिक लाइट जैसी वैक्सीन भारत के लिए कारगर सिद्ध हो सकती है।
  • साथ ही स्पुतनिक लाइट की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे अन्य वैक्सीन लगने के बाद बूस्टर डोज की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पहले लग चुकी वैक्सीन की एफिकेसी बढ़ती है। आरडीआईएफ का कहना है कि कई देशों के आंकड़ों से पता चला है कि स्पुतनिक लाइट एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन है। चाहे इसे अकेले लगाया जाए या बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल किया जाए।
  • देश में इससे पहले जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को मंजूरी मिली थी। उसकी एफिकेसी 66-72फीसदी है। हालांकि, अभी यह नहीं पता है कि जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन कब तक भारत को मिलने लगेगी।

अब तक देश कितनी वैक्सीनों को मिली मंजूरी?

  • देश में अब तक कुल नौ कोरोना वैक्सीन (जैसे-कोवीशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक वी, ”स्पुतनिक लाइट-सिंगल डोज”, कॉर्बोवैक्स, कोवोवैक्स, जायकोव-डी, मॉडर्ना और जॉनसनएंड जॉनसन सिंगल डोज ) के इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। इनमें से केवल स्पुतनिक लाइट और जॉनसन एंड जॉनसन ही सिंगल डोज वैक्सीन हैं।
  • जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल डोज वैक्सीन को अगस्त 2021 में मंजूरी मिली थी। भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रही दो कोरोना वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन हैं।

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