India News (इंडिया न्यूज), Crime News: आरोपी के पिता को बृहस्पतिवार के सुबह छोड़ा गया। इसके बाद वे रिश्तेदार के घर चले गए। अब उनके घर पर ताला लटका है। संसद की सुरक्षा को भेदकर सदन में कूदने वाले उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के सागर शर्मा के पिता रोशनलाल से पुलिस ने पूरी रात पूछताछ की। उन्हें गुरूवार सुबह छोड़ा गया। जिसके बाद वे रिश्तेदार के घर चले गए। अब उनके घर पर ताला लगा है।

पुलिस ने अपने कब्जे में लिया

पुलिस ने घर से सागर की एक डायरी व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों को लखनऊ पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है।आरोपी के पिता के मुताबिक सागर इस डायरी में कुछ लिखता था। उधर इस मामले में अब चुप्पी साध चुकीं सागर की मां बेटी को लेकर अपनी मां के पास चली गई हैं। उनका भी घर इसी बिल्डिंग में है। इसके बाहर पुलिसकर्मी तैनात रहे।

2 लोगों ने कलर स्प्रे छोड़ दिया

संसद में बुधवार को कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से सदन में कूदे 2 लोगों ने कलर स्प्रे छोड़ दिया था। पकड़े जाने के बाद इन लोगों में से एक की पहचान आलमबाग के रामनगर के निवासी ई रिक्शा चालक सागर शर्मा के रूप में हुई थी। उसके पिता रोशनलाल कारपेंटर हैं। आरोपी के परिवार में मां रानी व बहन माही है। दिल्ली पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर वारदात के कुछ ही देर बाद पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी। एक टीम उसकी मां, बहन, नाना-नानी व मामा से पूछताछ कर रही थी तो दूसरी रोशनलाल को थाने ले गई थी।

11 दिसंबर को घर से निकला

पुलिस सूत्रों के अनुसार पूरी रात पूछताछ के दौरान रोशनलाल से बेटे के बारे में जानकारी ली गई। उन्होंने इसकी पुष्टि की कि सागर 11 दिसंबर को घर से निकला था। तब उसने दिल्ली में धरना प्रदर्शन में शामिल होने की बात बताई थी। वह यह नहीं बता सके कि सागर किसी संगठन से जुड़ा है या नहीं? इससे पहले कभी वह प्रदर्शन में गया या नहीं? एक्टिविस्ट की तरह काम करता था क्या? जैसे सवालों के जवाब में रोशनलाल ने जानकारी न होने का हवाला दिया।

सरकार के खिलाफ बेहद आक्रोशित

पूछताछ में आरोपी के पिता रोशनलाल ने कहा कि जब भी वह कभी किसी टीवी पर न्यूज देखते थे या किसी सत्ताधारी नेता का भाषण सुनते तो सागर टीवी बंद कर देता था। बोलता था कि ये सब देखने से बेहतर है कि टीवी बंद रहे, क्योंकि सरकार कुछ नहीं करती है। पिता की मानें तो सागर सरकार के खिलाफ बेहद आक्रोशित रहता था। उसका गुस्सा उसकी सोशल मीडिया पोस्ट में भी दिखता है। पिता ने खुद कहा कि वे उसे समझाते थे। हालांकि, यह नहीं पता था कि वह ऐसी हरकत करेगा।

सागर की गतिविधि संदिग्ध

पुलिस ने रोशनलाल से यह जानने का कोशिश कि क्या उन्हें कभी सागर की गतिविधि संदिग्ध लगी? इससे उन्होंने इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, वह बहुत सामान्य जीवन जीता था। कभी किसी से उसका विवाद तक नहीं हुआ। हमेशा नौकरी आदि के बारे में सोचता रहता था। बेरोजगारी को लेकर गुस्से में रहता था। घटना के बाद से सागर के परिजन काफी दहशत में है। बुधवार को वे बातचीत कर रहे थे, लेकिन गुरूवार से चुप्पी साध ली। मोहल्ले में इस मामले की चर्चा हो रही है। जांच एजेंसियां सागर और उनसे जुड़े लोगों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही है।

पता चला कि उसके दो अकाउंट

इस वारदात के बाद जब सागर की फेसबुक प्रोफाइल खंगाली गई तो तब पता चला कि उसके दो अकाउंट है। सागर के परिजनो ने उसका ललित नाम का कोई दोस्त होने से इन्कार किया है, जबकि फेसबुक पर इसके सबूत हैं। सागर ने जो पोस्ट डाली, उसमें ललित को टैग किया है। उसने किसान आंदोलन के समर्थन में भी पोस्ट शेयर किए थे।

अन्य साथियों के संपर्क में

अब तक सामने आए तथ्यों से आशंका है कि सागर सोशल मीडिया के जरिये गिरोह के अन्य साथियों के संपर्क में आया। गुरुग्राम, बंगलूरू आदि जगहों पर मुलाकात होती रहीं। सिंगनल एप पर सभी आपस में जुड़े थे।

इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की

सागर ने संसद भवन में वारदात को अंजाम देने से एक दिन पहले सुबह करीब 6 बजे इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की थी। जिसमे लिखा था जीते या हारें पर कोशिश तो करनी है। अब देखना ये है कि सफर कितना हसीन होगा उम्मीद है फिर मिलेंगे।इसके साथ ही एक गाने की स्टोरी भी लगाई। जिसके बोल हैं मर भी गया अगर, मरने का गम नहीं देख जरा मेरा हौसला, मुझको डरा सके तुझमें वो दम नहीं सुन ले जहां मेरा फैसला।

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