इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, NCRB 2021 Annual Report): राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) वर्ष 2021 के वार्षिक ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में वामपंथी चरमपंथियों (एलडब्ल्यूई) द्वारा हिंसा में मारे गए पुलिसकर्मियों की संख्या आतंकवादियों द्वारा मारे गए पुलिसकर्मियों की संख्या से दोगुनी थी.

रिपोर्ट में कहा किया गया है कि वर्ष 2021 में कुल 18 पुलिस कर्मियों की जान आतंकवादियों या चरमपंथियों या जिहादियों द्वारा की गए हमले में गई, वही इस दौरान वामपंथी उग्रवादियों के हमले में 40 पुलिस कर्मियों की जान गई.

2021 में 427 पुलिसकर्मियो की जान गई

साल 2021 में सीमा पर गोलीबारी में 11, दंगाई भीड़ में एक, अपराधियों द्वारा 11 पुलिसकर्मियों की जान गई। सात दुर्घटनावश स्व हथियार से और 339 अलग-अलग दुर्घटनाओं में मारे गए। हालांकि, उत्तर पूर्व में इस दौरान उग्रवादियों के हमले में किसी पुलिसकर्मी की जान नही गई.

इस रिपोर्ट के अनुसार, ड्यूटी पर मारे गए कुल 427 पुलिस कर्मियों में से, सबसे अधिक कांस्टेबल रैंक (233) के थे, उसके बाद हेड कांस्टेबल (88), सहायक उप-निरीक्षक (37), उप-निरीक्षक (26), निरीक्षक (4) थे। एक राजपत्रित अधिकारी और दो अन्य लोगो की भी जान गई.

राज्यों में, तमिलनाडु में सबसे अधिक पुलिस कर्मियों की मौत हुई, जहां सड़क दुर्घटनाओं में 56 और दो अपराधियों द्वारा मारे गए। छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद हमले में 40 और सड़क हादसों में सात पुलिसकर्मियों की जान गई. बिहार में सड़क हादसों में 38 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और दंगाइयों ने एक पुलिस कर्मी की जान ले ली.

केंद्र शासित प्रदेशों में, 18 पुलिसकर्मियों की जान आतंकवादी हमलों में जम्मू-कश्मीर में गई और दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में दो पुलिसकर्मी की जान गई.

1632 पुलिसकर्मी घायल हुए

साल 2021 में विभिन्न रैंकों में कुल 1632 पुलिस कर्मी घायल भी हुए, ओडिशा में अपराधियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन के दौरान सबसे अधिक घायल पुलिस कर्मी घायल हुए। यहाँ कुल 188 पुलिसकर्मी घायल हुए जिसमे 176 अपराधियों द्वारा और 12 दंगाइयों द्वारा घायल हुए। केरल में, कुल 159 पुलिस कर्मियों को चोटें आईं, जिनमें 90 अपराधियों द्वारा, 68 दंगाइयों द्वारा और एक सड़क दुर्घटना के दौरान घायल हुए.

तमिलनाडु में, कुल 133 पुलिस कर्मियों के घायल होने के मामले सामने आए , जिनमें 96 अलग-अलग दुर्घटनाओं में तीन दुर्घटनावश स्वयं हथियार से और 30 अपराधियों द्वारा घायल हुए.

केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली में सबसे अधिक घायल पुलिस कर्मियों की सूचना मिली, जहां दंगों में 156, अपराधियों द्वारा 22 और दुर्घटनाओं में 17 घायल हुए.