इंडिया न्यूज़ : जैसे-जैसे सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ता जा रहा है, वैसे -वैसे ठगी के नए-नए रास्ते भी बनते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर साइबर फ्रॉड का नया मामला सामने आय है। जिसके चक्कर में पड़कर एक महिला ने 22 लाख रुपये गंवा दिए। मालूम हो, इस संदर्भ में साइबर सेल ने जांच शुरू की तो पूरे गैंग का पर्दाफाश हुआ जो लोगों को कथित तौर पर सोशल मीडिया जॉब ऑफर कर ठगते थे। पुलिस की माने तो इस गैंग द्वारा लोगों को ‘लाइक’, रीट्वीट और लिंक शेयर करने का काम दिया जाता लेकिन एक बार वे जालसाजों के झेल में फंसते तो अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते।

साइबर ठगों के जाल में फंसकर महिला ने गंवाए 22 लाख रूपये

बता दें, जिस महिला के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है उस पीड़िता ने बताया कि कोरोना महामारी में उसकी नौकरी चली गई थी और वह ऑनलाइन जॉब सर्च कर रही थी जब उसके पास एक फर्म से फोन आया। फार्म की और से उसे व्हाट्सएप पर भेजे जा रहे पेजों को लाइक करने का काम दिया गया। जिसके एवज में उसे 50 रुपये प्रति लाइक दिए जाने लगे।

डबल निवेश के लालच से लूटी कमाई

आगे शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि वह अपनी मैनेजर (जरीना) को स्क्रीनशॉट भेजती थी। बाद में उसे पैसे रिसीव करने के लिए टेलीग्राम पर आने को कहा गया। उसने चैनल जॉइन किया और पहली बार में उसे 150 रुपये मिले। इसके बाद 200 रुपये और आए। इसके बाद असली खेल शुरू हुआ। ठगों ने उसे ज्यादा रिटर्न के लिए 1,000 रुपये का निवेश करने को कहा। उसे बताया गया कि उसका निवेश डबल हो जाएगा। इसके बाद डबल के लालच में वह निवेश करती गई। धीरे-धीरे सेविंग्स के 22 लाख रुपये खत्म हो गए।

टेक्निकल सर्विलांस के जरिये पुलिस ने फ्रॉड बाजों को दबोचा

हालाँकि, महिला की शिकायत के बाद टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पुलिस ने संजय डबास नामक ठग को पकड़ा। डबास के बाद पुलिस ने फरहान अंसारी, पंकज वाधवा और मोनू को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की माने तो वे दुबई में बैठे अपने हैंडलर भूपेश अरोड़ा के लिए काम करते थे। वहीँ इस पुरे मामले में पुलिस का कहना है कि साइबर ठगों का गिरोह घर में रहने वाली महिलाओं को टारगेट कर रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उन्हें शक है कि अब तक पुलिस के पास काफी कम महिलाओं ने शिकायत की है। पीड़ितों की संख्या 500 तक हो सकती है।