होम / Delhi Bill 2023: दिल्ली विधेयक 2023 पारित होने के बाद रविशंकर प्रसाद का बयान, कहा – केजरीवाल सरकार की सच्चाई आज सामने आ गई..

Delhi Bill 2023: दिल्ली विधेयक 2023 पारित होने के बाद रविशंकर प्रसाद का बयान, कहा – केजरीवाल सरकार की सच्चाई आज सामने आ गई..

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : August 3, 2023, 9:18 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Delhi (Amendment) Bill 2023: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पारित होने के बाद भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि गृह मंत्री ने प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा से भागते हैं और कार्यवाही में बाधा डालते हैं।

उन्होंने कहा, “केजरीवाल सरकार की सच्चाई आज सामने आ गई…मैं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताना चाहूंगा कि चारा घोटाले की सीबीआई जांच में ललन सिंह हमारे साथ थे…लालू यादव और अन्य को दोषी ठहराया गया। क्या हुआ है? ये ‘लोक-लाज’ क्या है…इसे कहते हैं अवसरवादिता की पराकाष्ठा।”

सभी बिल महत्वपूर्ण हैं

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि I.N.D.I.A के गठबंधन के बाद भी पीएम मोदी पूर्ण बहुमत के साथ फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे… सभी बिल महत्वपूर्ण हैं और आपको सदन में उपस्थित रहना चाहिए था। इस (दिल्ली सेवा विधेयक) विधेयक के पारित होने के बाद गठबंधन टूट जाएगा।

कानून बनाने का अधिकार

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 की चर्चा पर लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संदर्भित करता है जो कहता है कि संसद को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली से संबंधित किसी भी मुद्दे पर कानून बनाने का अधिकार है। शाह ने कहा,”पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी, राजेंद्र प्रसाद और डॉ. अंबेडकर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के विरोध में थे।”

शाह ने आप पर लगाए ये आरोप

लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा,”साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं…समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्ज़ा करना है।”

चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध गलत

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “मेरा सभी पक्ष से निवेदन है कि चुनाव जीतने के लिए किसी पक्ष का समर्थन या विरोध करना, ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए। नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं। विधेयक और क़ानून देश की भलाई के लिए लाया जाता है इसलिए इसका विरोध और समर्थन दिल्ली की भलाई के लिए करना चाहिए”

क्या है पूरा मामला ?

गौरतलब है 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर फैसला देकर ये साफ कर दिया कि दिल्ली की नौकरशाही पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल है और अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी अधिकार भी उसी का है। प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण और अधिकार से जुड़े मामले पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली की पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर पर केंद्र का अधिकार है, लेकिन बाकी सभी मामलों पर चुनी हुई सरकार का ही अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया था कि पुलिस, जमीन और पब्लिक ऑर्डर को छोड़कर बाकी सभी दूसरे मसलों पर उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार की सलाह माननी होगी।ऐसे में केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई , जिसके तहत अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल को वापस मिल गया।

ये भी पढ़ें –Digvijay Singh-Kamal Nath: दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को बताया सर्वेसर्वा, पुरानी दोस्ती या कोई और वजह?

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT