इंडिया न्यूज़(दिल्ली):दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य अधिकारियों को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के फैसले के बाद पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले किसी भी प्रकार के चीनी /सिंथेटिक मांझा पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने का कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया,इस याचिका में पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी,दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए,जीएनसीटीडी के वकील ने कहा कि सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) इस मुद्दे से सक्रिय रूप से निपट रहे हैं और इस संबंध में समय-समय पर एक ज्ञापन भी जारी किया है.
केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पतंगबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करना अनुचित और अनुचित है,यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधि है.
गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले चीनी /सिंथेटिक मांझा की उपलब्धता और बिक्री को रोकने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं,जिस पर एनजीटी ने प्रतिबंध लगा दिया था.
न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी,याचिका में कहा गया था की पंछियो और इंसानो की मौत लगातार पतंगबाजी के कारण हो रही है,इस कारण पंछियो और लोगो की जान दिल्ली में खतरे में है.
याचिकाकर्ता खुद 2006 में एक दुर्घटना का शिकार हुआ था,जब उसके शरीर में एक पतंग का मांझा उलझ गया था और उसे गले तक पहुंचने से रोकने के प्रयास में,याचिकाकर्ता ने उसे अपनी उंगली पर ले लिया,जिसके परिणामस्वरूप उसकी उंगली आधी कट गई थी.
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