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Delhi News: नीतीश कुमार ने अरविंद केजरीवाल से की मुलाकात, कहा – अध्यादेश के खिलाफ सब हो एकजुट

Priyanshi Singh • LAST UPDATED : May 21, 2023, 2:52 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Delhi News, नई दिल्ली: दिल्ली में आला अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर जारी अध्यादेश को लेकर दिल्ली सरकार की परेशानिया एक बार फिर बढ़ गई हैं। इसी सिलसिले में आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके (अरविंद केजरीवाल के) सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुलाकात की। और इसे लेकर खास बात चीत की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र है। सभी को एकजुट होना होगा।

विपक्षी पार्टी को मिलकर चलाना होगा अभियान 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा “कोर्ट का फैसला सही रहा लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा जो करने की कोशिश हो रही है वह विचित्र है। सभी को एकजुट होना होगा। हम इनके(केजरीवाल) साथ हैं, ज़्यादा से ज़्यादा विपक्षी पार्टी एक साथ मिल कर अभियान चलाना होगा। हम पूरे तौर पर केजरीवाल जी के साथ हैं।”

सभी के समर्थन की जरूरत 

केंद्र द्वारा दिल्ली में NCCSA बनाने के लिए लाए गए अध्यादेश पर दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा “परसो 3 बजे मेरी ममता जी(बंगाल की मुख्यमंत्री) के साथ बैठक है। उसके बाद मैं देश में सभी पार्टी अध्यक्ष से मिलने के लिए जाऊंगा। आज मैंने नीतीश जी से भी अनुरोध किया कि वो भी सभी पार्टियों से बात करें। मैं भी हर राज्य में जाकर, राज्यसभा में जब ये बिल आए, तब इसे हराने के लिए मैं सभी से समर्थन के लिए बात करूंगा।”

“दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी।”

बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा “जो परेशानी अरविंद केजरीवाल झेल रहे हैं हम उसके ख़िलाफ केजरीवाल जी को समर्थन देने आए हैं। अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार होती तो उप राज्यपाल में हिम्मत होती इस प्रकार का काम करने की? दिल्ली में भाजपा कभी वापसी नहीं करेगी।”

केंद्र ने जारी की अध्यादेश 

राजधानी में आला अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया था। इसके बाद केंद्र के द्वारा इसे लेकर अध्यादेश जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विस अथॉरिटी बनेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री इस अथॉरिटी के चेयरमैन होंगे। अथॉरिटी में फैसले बहुमत के आधार पर होंगे। अगर उपराज्यपाल इस अथॉरिटी के फैसले से सहमत नहीं होते हैं तो वह इन फैसलों को पुनर्विचार के लिए दोबारा अथॉरिटी को भेज सकेंगे। इस तरह से देखें तो दिल्ली में उपराज्यपाल की ही चलेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

गौरतलब है इससे पहले 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में अहम फैसला सुनाया था। CJI चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था “एलजी के पास दिल्ली से जुड़े सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक अधिकार नहीं हो सकते। एलजी की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती। अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होना चाहिए। उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी। पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास रहेगा।”

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