India News (इंडिया न्यूज) UP News: देशभर में घुसपैठियों को रोकने और धरपकड़ का अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की भी जांच की जा रही है। क्या उनके पास जो डॉक्युमेंट्स हैं, वो वैध है या फर्जी बनाए गए हैं? ये पता किया जा रहा है। लेकिन दर्जनों ऐसे एनजीओ का क्या जो इन संदिग्ध लोगों की मदद कर रहा है?

बच्चों को पढ़ाते हैं उनकी मदद करते हैं

दिल्ली में दर्जनों ऐसे स्थान हैं जहां संदिग्ध लोग रहते हैं। पुलिस उनकी जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि 175 लोगों की पहचान हुई है जो अवैध तरीके से राजधानी में रह रहे हैं। MCD स्कूलों में भी जांच करने की बात की जा रही है, लेकिन तमाम ऐसे एनजीओ हैं जो इन संदिग्ध बच्चों को पढ़ाते हैं और स्कूल में एडमिशन करने में मदद करते हैं। कालिंदी कुंज इलाके में जो संदिग्ध ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान कई ऐसे एनजीओ और लोगों से मिलना हुआ। कई ऐसे एनजीओ थे जो इस मामले में बात नहीं करते।

स्कूलों में करते है एडमिशन

इन जगहों पर पढ़ाने वाले वॉलेंटियर्स होते हैं। हमने एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन आगाज ए तालीम से बात की। यह जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों द्वारा बनाया गया एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है।उनके वॉलंटियर रूहाब बताती हैं कि हम जामिया के छात्र हैं। यह हमारे सीनियर चलाते हैं, हम यहां वॉलंटियर करते हैं। हम झुग्गियों में रहने वाले बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा देते हैं और उनके एडमिशन में मदद करते हैं।

बड़ा सवाल क्या एडमिशन से पहले पेपर करते हैं चेक

अंजली भी इस क्षेत्र में पढ़ाने आती है, वो कहती हैं कि हम एक महीने से यहां पढ़ाने आ रहे हैं। हम यहां 50 बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे तीन सेंटर हैं जहां हम स्लम के बच्चों को पढ़ाते हैं। इसपर हमने सवाल किया कि क्या उन बच्चों के पेपर आप चेक करते हैं? उसपर अंजली कहती है कि हम आधार कार्ड देखते हैं करते हैं,उसके बाद हम पढ़ाने हैं। लेकिन बड़ा सवाल उठता है कि ये एनजीओ सही काम कर रहे हैं? क्या शासन इनकी जांच करता है?

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