India News (इंडिया न्यूज़),Action Against Child Labour: दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में बाल मजदूरी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने बुधवार को 62 बच्चों को फैक्ट्रियों से मुक्त कराया। इन बच्चों को मयूर विहार और घोंडा इलाके की विभिन्न छोटी फैक्ट्रियों में सिलाई-कढ़ाई, चूड़ी और बैग बनाने जैसे कामों में लगाया गया था। बच्चों से 12 से 16 घंटे तक काम करवाया जा रहा था, और बदले में उन्हें मात्र 100 से 200 रुपये दिहाड़ी दी जा रही थी।
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
इस ऑपरेशन का नेतृत्व मयूर विहार के एसडीएम नितेश रावत और जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. जाय टिर्की ने किया। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस छापेमारी में चाइल्ड वेलफेयर कमेटी, दिल्ली पुलिस और सहयोग केयर संस्था समेत कई विभागों ने हिस्सा लिया। बुधवार सुबह 11:30 बजे घोंडा इलाके में छापेमारी शुरू हुई, जिसमें दस से अधिक छोटी फैक्ट्रियों से इन मासूम बच्चों को मुक्त कराया गया। इनमें से 57 लड़के और 5 लड़कियां थीं, जिनकी उम्र 7 से 16 वर्ष के बीच है।
बाल मजदूरी करने वालों पर कसा शिकंजा
मेडिकल जांच के बाद सभी बच्चों को सुरक्षित आश्रमों में भेजा गया। जिलाधिकारी वेदिता रेड्डी ने स्पष्ट किया कि बाल मजदूरी कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों पर केस दर्ज किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। यह माना जा रहा है कि इस साल राजधानी दिल्ली में बाल मजदूरी के खिलाफ यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। सहयोग केयर संस्था के निदेशक शेखर महाजन के अनुसार, इन बच्चों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा था। बेहतर समन्वय और गोपनीयता बनाए रखने के कारण प्रशासन इस बार दोषियों तक पहुंचने में सफल रहा।
Onion Price Hike: प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी से आम आदमी परेशान, सरकार के प्रयासों का नहीं दिखा असर
Delhi Electric Bus: DTC की बस अब न छूटेगी, नया ऐप करेगा पूरी निगरानी