Air Pollution in Delhi दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हल्फनामा
कहा सरकार संपूर्ण लॉकडाउन के लिए तैयार
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Air Pollution in Delhi सर्दी शुरू होते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का बढ़ता स्तर परेशानी बन रहा है। लगभग हर साल ही सर्दी शुरू होते ही दिल्ली में Pollution का Level अपने अधिकत्तम स्तर पर पहुंच जाता है। हालांकि पिछले साल ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा था। Corona संक्रमण के चलते लॉकडाउन था और आर्थिक गतिविधियां कम होने के चलते प्रदूषण का स्तर भी इतना ज्यादा नहीं था।
इस साल Air Pollution का स्तर लगातार बढ़ रहा है। लोगों का सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है। आंखों में जलन, गले में खराश और सांसों में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना बड़ी आबादी कर रही है। ऐसे में अब राज्य की केजरीवाल सरकार की ओर से प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन भी लगाया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान इस बात के संकेत दिए हैं। केजरीवाल सरकार ने कहा कि हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को थामने के लिए कंप्लीट लॉकडाउन लगाने को तैयार हैं। यही नहीं केजरीवाल सरकार ने कहा कि यदि दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के आसपास के शहरों में भी इस तरह का लॉकडाउन लगे तो प्रदूषण से निपटा जा सकता है।
एनसीआर के सभी शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) पिछले 24 घंटे के मुकाबले गंभीर श्रेणी से निकलकर बहुत खराब स्तर में पहुंच गया। इससे लोगों को थोड़ी राहत मिली। गाजियाबाद का एक्यूआई सबसे अधिक 331 व सबसे कम गुरुग्राम का 287 दर्ज किया गया। वहीं, 330 एक्यूआई के साथ दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही।
दिल्ली में प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कई आपात उपायों की घोषणा की जिनमें एक सप्ताह के लिए स्कूलों को बंद करना, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और सरकारी कर्मचारियों के लिए घर से काम करना (वर्क फ्रॉम होम) शामिल हैं।
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण में वृद्धि को एक आपातकालीन स्थिति बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार से वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल उपाय करने के लिए कहा और वाहनों पर रोक तथा लॉकडाउन करने जैसे कदम सुझाए। केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए सोमवार से स्कूल एक सप्ताह के लिए बंद रहेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 338 दर्ज किया गया जो गंभीर श्रेणी से सुधरकर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है। एनसीआर के इलाकों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा में एक्यूआई क्रमश: 301, 312, 368 और 357 दर्ज किया गया। दिल्ली के इंटरवेंशनल पल्मोनोलाजिस्ट एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ. उज्जवल पारख कहते हैं कि प्रदूषण के कारण हर वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। मास्क का लगातार प्रयोग करने से प्रभाव कम होगा। जिन लोगों को कोविड हो चुका है उन्हें ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है।
भीड़ और कंस्ट्रक्शन की जगहों पर जाने से बचें। यही नहीं जिन्हें सांस की कोई समस्या है उन लोगों को बेहद सजग रहने की जरूरत है। एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि प्रदूषण का श्वसन स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। खास तौर पर फेफड़ों के रोगियों, अस्थमा के मरीजों की बीमारी बिगड़ जाती है। प्रदूषण से कोविड के और भी गंभीर मामले सामने आ सकते हैं। ऐसे में मास्क पहनना चाहिए क्योंकि यह कोरोना संक्रमण और प्रदूषण दोनों से सुरक्षा में मदद करेगा।
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