इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Air Pollution In Delhi : राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी यहां की आबोहवा है। हर साल दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है। अब सरकार ने वायु प्रदूषण के रीयल-टाइम सोर्स की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर के बीच तकनीक को लेकर समझौता हुआ है। गत दिवस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में आईआईटी कानपुर और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के बीच एमओयू को मंजूरी दे दी है।
प्रदूषण संबंधी सटीक जानकारी मिलेगी (Air Pollution In Delhi)
उधर, दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस एमओयू के तहत आईआईटी कानपुर की तरफ से पीएम 2.5, एनओ2, सीओ2, एलिमेंटल कार्बन सहित अन्य वायु प्रदूषण की निगरानी के लिए अत्याधुनिक सुपरसाइट स्थापित की जाएंगी। दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर एक्यूआई के स्तर को लेकर पूवार्नुमान जारी किया जाएगा। इसके अलावा वायु प्रदूषण को लेकर प्रति दिन, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक डाटा का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
प्रदूषण वाले 150 हॉटस्पॉट की पहचान (Air Pollution In Delhi)
दिल्ली सरकार ने ग्रीन दिल्ली ऐप पर मिली शिकायतों के आधार पर ऐसे 150 स्थानों की पहचान की है, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है। प्रदूषण विरोधी गतिविधियों की निगरानी एवं समन्वय के लिए शहर ने पिछले साल ग्रीन वॉर रूम और प्रदूषण करने वाली गतिविधियों से संबंधित शिकायतों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ग्रीन दिल्लीश् ऐप लॉन्च किया था। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने पहले दिल्ली में 13 ऐसे स्थानों की पहचान की थी, जहां प्रदूषण सबसे अधिक फैलता है। ये स्थान रोहिणी, द्वारका, ओखला फेज -2, पंजाबी बाग, आनंद विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आर के पुरम, बवाना, मुंडका, नरेला और मायापुरी थे।