इंडिया न्यूज, गुजरात:
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने शनिवार को राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। रुपाणी ने शनिवार को राज्यपाल आचार्य देवव्रत से इस्तीफे की पेशकश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए CM ने कहा कि यह भाजपा की परंपरा रही है। उसी परंपरा का उन्होंने निर्वहन किया है। ज्ञात रहे कि अगस्त 2016 में आनंदीबेन पटेल द्वारा इस्तीफा देने के बाद रुपाणी को सीएम बनाया गया था। रुपाणी के नेतृत्व में ही भाजपा ने 2017 विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।
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ज्ञात रहे कि गुजरात में अक्टूबर-नवंबर 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सिर्फ एक साल पहले मुख्यमंत्री के पद छोड़ने को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव से साल भर पहले आनंदी बेन पटेल को हटाकर विजय रुपाणी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
राजनीतिक पंडितों की माने तो भाजपा में इस तरह के बदलाव का एक कारण जमीन से मिला फीडबैक भी बताया जाता है। पार्टी को ग्राउंड से मुख्यमंत्री के खिलाफ पैदा हुई नाराजगी का पता चलता है तो वो इस तरह के परिवर्तन के लिए कहती है। वहीं ज्ञात रहे कि प्रदेश में हर बार चुनाव से पहले भाजपा ऐसा कदम उठाती है। गुजरात में भाजपा 1995 में पहली बार सत्ता में आई थी। उस वक्त केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने। महज 221 दिन बाद ही उनकी जगह सुरेश मेहता मुख्यमंत्री बनाए गए। इसके बाद पार्टी में विद्रोह के बाद 1998 में मध्याविधि चुनाव हुए और भाजपा 182 में से 117 सीट जीतकर फिर से सत्ता में आई। इस बार केशुभाई पटेल मुख्यमंत्री बने। केशुभाई इस बार भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। 2002 में होने वाले चुनाव से एक साल पहले भाजपा हाईकमान ने उनकी जगह नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनाया।
मोदी के नेतृत्व में भाजपा को 2002 के चुनाव में जीत मिली। मोदी पहले भाजपाई मुख्यमंत्री रहे जिसने एक नहीं बल्कि दो-दो कार्यकाल पूरे किए। 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, लेकिन मोदी के केंद्र की राजनीित में जाने के बाद भाजपा फिर उसी पेटर्न पर लौट आई है जिसमें, चुनाव से करीब एक साल पहले मुख्यमंत्री बदल दिया जाता है।
गुजरात के साथ ही उत्तराखंड में भी भाजपा सीएम बदल चुकी है। उत्तराखंड में मार्च 2022 में चुनाव है। उससे करीब एक साल पहले भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया। तीरथ रावत को महज 114 दिन में ही बदल दिया गया। उनकी जगह पुष्कर धामी मुख्यमंत्री बना दिए गए। कर्नाटक में भी हाल ही में बीएस येद्युरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया है। कर्नाटक में भी मई 2023 में चुनाव होने हैं। ऐसा भी नहीं है कि ये चलन सिर्फ गुजरात या भाजपा में है। देश का बाकी राज्यों और कांग्रेस में भी इस तरह के कई उदाहरण हैं जिसमें चुनाव से पहले मुख्यमंत्री को बदल दिया गया।
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भाजपा ने गांधीनगर में कल विधायक दल की बैठक बुलाई है, इसमें नया मुख्यमंत्री चुना जा सकता है। नए उट की रेस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल के नाम शामिल हैं। इनमें मंडाविया सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
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