इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
(Supertech Twin Tower) रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी सुपरटेक ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें अपील की है कि ट्विन टावर के दो टावरों में से बस एक टॉवर को ढहाने की मंजूरी दें। याचिका में उन्होंने कहा है कि इससे न केवल करोड़ों रुपये बचेंगे बल्कि नियमों के मुताबिक निर्माण भी होगा।
दरअसल, एक महीने पहले 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट परिसर में दो अवैध 40-मंजिला टावरों को ध्वस्त करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा था और बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। सुपरटेक ने दो टावरों, टी16 और टी17 का निर्माण किया था। सुप्रीम कोर्ट ने जांच में पाया कि सुपरटेक ने उक्त दोनों टावर बिना स्वीकृति के और विभिन्न भवन नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बनाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को उन घर खरीदारों द्वारा किए गए भुगतान को वापस करने के लिए कहा जिन्होंने दो अवैध टावरों में निवेश किया था। इसके अलावा एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए को भारी जुर्माना भी देने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुपरटेक को आदेश देते हुए कहा था कि नोएडा में ट्विन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12 फीसदी ब्याज के साथ पैसे वापस किए जाएं। कोर्ट ने बिल्डर को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को दो करोड़ रुपए का भुगतान करने का भी निर्देश दिया था। पीठ ने पाया कि मानदंडों के उल्लंघन में नोएडा अथॉरिटी और बिल्डर की मिलीभगत थी। पीठ ने फैसले में कहा था कि अवैध निर्माण से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।