India News (इंडिया न्यूज), Republic Day 2025: नई दिल्ली में 26 जनवरी को आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय संविधान की महत्ता को प्रदर्शित करने वाली एक भव्य झांकी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। यह झांकी न केवल कला और संस्कृति का प्रतीक थी, बल्कि भारतीय संविधान के प्रति सम्मान और गर्व का भी प्रतीक बनी।
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फूलों से सजी झांकी में संविधान का महत्व
जानकारी के मुताबिक, झांकी की सबसे खास बात यह थी कि इसे पूरी तरह *फूलों* से सजाया गया था। झांकी के सबसे आगे अशोक चक्र बना था, जिसे समय और प्रगति का प्रतीक बताया गया। अशोक चक्र भारतीय ध्वज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो संविधान के सतत विकास और न्यायप्रियता का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में, इस झांकी का मुख्य आकर्षण भारतीय संविधान था, जो 75 वर्षों से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव बना हुआ है। इसे झांकी के केंद्र में स्थापित किया गया था और इसके चारों ओर भारतीय संस्कृति और संविधान की विविधता को दर्शाने वाली आकृतियां थीं।
संविधान की महत्ता पर जोर
गणतंत्र दिवस परेड में यह झांकी इस बात का संदेश देती है कि भारतीय संविधान देश के प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और कर्तव्यों का आधार है। यह झांकी देश की एकता, अखंडता और विविधता का प्रतीक बनी। जानकारी के अनुसार, झांकी ने भारतीय संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा को भी दर्शाया। संविधान ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बनाया है। इस भव्य झांकी ने लोगों को संविधान की अहमियत का एहसास कराया और भारतीय लोकतंत्र के प्रति सम्मान का भाव जगाया।