Corona virus in Delhi
इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर डराने लगी है। रविवार को दिल्ली में कोरोना के 517 नए मामले सामने आए। संक्रमण दर 4.21% पर पहुंच गई। राजधानी में जिस तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उससे चौथी लहर की आशंका भी बढ़ गई है। सरकार का कहना है कि अभी घबराने की बात नहीं है, क्योंकि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या काफी कम है, लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बीते शनिवार तक दिल्ली में 772 मरीज होम आइसोलेशन में थे, जिनकी संख्या रविवार को बढ़कर 964 हो गई। वहीं, 1 अप्रैल को होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों की संख्या 332 थी।
दिल्ली में कोरोना की रफ्तार किस तेजी से बढ़ रही है, इसे दिल्ली सरकार के आंकड़ों से समझ सकते हैं। गुरुवार को दिल्ली में कोरोना के 325 मामले आए और पॉजिटिविटी रेट 2.39% रही। शुक्रवार को 3.95% पॉजिटिविटी रेट के साथ 366 मामले सामने आए। शनिवार को पॉजिटिविटी रेट 5.33% पर आ गई और मामले 461 पर पहुंच गए।
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रविवार को संक्रमण दर में कमी जरूर आई, लेकिन नए संक्रमितों की संख्या 50 से भी ज्यादा बढ़ी। हालांकि, एक चिंता की बात ये भी है कि अभी कोरोना की जांच भी उतनी ज्यादा नहीं हो रही है। रविवार को 12,270 कोविड टेस्ट हुए, जबकि शनिवार को 8,646 जांच हुई थी। इतने कम टेस्ट में भी संक्रमण दर का 5 फीसदी के करीब पहुंचना चिंता बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 5 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट का होना ‘चिंताजनक’ है।
बच्चों पर भी मंडरा रहा खतरा…!
दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के इलाकों में कई स्कूलों में अब बच्चों के संक्रमित होने के मामले भी सामने आने लगे हैं। स्कूलों में बच्चों के संक्रमित मिलने पर दिल्ली सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में भी कई स्कूलों में बच्चे संक्रमित मिले हैं। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि अभी चिंता की बात नहीं है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने न्यूज एजेंसी को बताया कि घबराने जैसी कोई बात नहीं है, क्योंकि पिछली लहरों का डेटा बताता है कि अगर बच्चे संक्रमित हो भी जाते हैं तो उनमें बहुत हल्के लक्षण होते हैं और उनका इलाज भी जल्दी हो जाता है।
हालांकि, महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहारिया का कहना है कि बच्चों के कोरोना संक्रमित होने की खबरों पर ध्यान देना इसलिए जरूरी है क्योंकि अब स्कूल खुल चुके हैं। हालांकि, वो ये भी कहते हैं कि स्कूल खुलने से पहले ही सीरो सर्वे के डेटा में सामने आया था कि 70 से 90 फीसदी बच्चे संक्रमित हो चुके हैं।
वहीं, आईसीएमआर(ICMR) के एडीजी समीरन पांडा ने बताया कि दुनिया भर से जो सबूत सामने आए हैं, वो बताते हैं कि कोरोना फैलाने के लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने मास्क का इस्तेमाल करने और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को भी सलाह दी कि उन्हें स्कूल में अपना शेयर करने से बचना चाहिए।
जानें आखिरकार क्यों बढ़ रहे हैं मामले: ओमिक्रॉन की वजह से आई तीसरी लहर लगभग थम सी गई थी, लेकिन अब एक बार फिर से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या भले ही न बढ़ रही हो, लेकिन होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसका कारण क्या है?
डॉक्टर्स की माने तो मास्क है जरूरी :
डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को भीड़ जुटाने से बचना चाहिए और मास्क पहनना चाहिए। दिल्ली के LNJP अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि जिन लोगों में लक्षण दिख रहे हैं, उनमें से बड़ी संख्या में अब भी लोग जांच कराने नहीं जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराने की अपील की है।
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