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दलित नेताओं की कांग्रेस नेतृत्व से अपील, केन्द्र व दिल्ली सरकार की दलित विरोधी नीति के खिलाफ उठाएं आवाज

India News Editor • LAST UPDATED : September 4, 2021, 1:39 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दलित समाज के प्रमूख बुद्धीजीवियों की बैठक प्रदेश अ़ध्यक्ष चै0 अनिल कुमार एंव सिनियर कांग्रेस नेताओं की सहमती से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक जय किशन के संयोजन में हुई। बैठक में केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के प्रति असंवेदनशीलता और पूरी तरह अनदेखी पर रोष प्रकट किया गया। राजधानी में प्रतिदिन हो रहे मासूम बेटियां के साथ हो बलात्कार और यौन उत्पीड़न की घटनाऐं मोदी-केजरीवाल के शासन में बढ़ी है इससे पहले किसी शासन काल में नही हुई।
जय किशन ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार ने दलित पिछड़ी जाति के लोगों को बाबा साहेब डा0 अम्बेडकर की देख रेख में आरक्षण सहित उनके जीवन को उबारने के अनेकों अधिकार देने के साथ-साथ दलितो को सरकारी नौकरियों में भागीदारी भी दी गई। उन्होंने कहा इन्दिरा गॉधी, बाबा साहेब, राजीव गॉधी ने दलितो को जो ताकत दी थी, मौजूदा मोदी और केजरावाल सरकार ने दलितों के हनन और उनके अधिकारों को खोखला करने के लिए जिम्मेदार है।
बैठक में दलितो पर हो रहे अत्याचार पर प्रमुख नेताओं ने मोदीध्केजरीवाल सरकार की नियत और नीति पर सवाल उठाये और आरोप लगाया कि भाजपा शासित मोदी सरकार दलित विरोधी है और पिछले 7 वर्षों में दलितों के अधिकारों छीना गया है। सभी ने एक स्वर में कहा कि कोविड महामारी में कोई सकारात्मक हल निकालने की बजाय मोदी के थाली बजवाकर और मोमबत्ती जलवाकर, अच्छे दिन लाने की बात कहकर, काला धन वापिस लाने जैसे वायदे जुमले साबित हुए।
जय किशन ने कहा कि आम आदमी पार्टी बलात्कारियों और महिलाओं पर अत्याचार करने वाले नेताओं का संरक्षण करने काम कर रही है तथा इसके मंत्री और विधायक पूर्व मंत्री संदीप कुमार, विधायक मुकेश अहलावत, शरद चैहान, दिनेश मोहनिया, सोमनाथ भारती, प्रकाश जारवाल, अमानातुल्लहा खान, विशेष रवि, जितेन्द्र तौमर पर अपराधिक मामले चल रहे है। उन्होने इन दोनो पार्टियां के दलित नेताओं से कहा कि वे नैतिकता के आधार पर अपने पद से त्याग पत्र दें। दलित नेताओं में मीर सिंह, दर्शना जाटव, राजेन्द्र भजनी, नरेश तिहाल, राजेन्द्र मेवाती राम कुमार बिड़लान, दीपक तिहाल, ननवा राम, नन्द किशोर और मोहन लाल मुख्य रुप से मौजूद थे।

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