Delhi Air Pollution कल से चलेगा खुले में कचरा जलाने के खिलाफ अभियान
आगामी एक माह तक रहेगा जारी
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Delhi Air Pollution राजधानी में हर साल सर्दी शुरू होते ही वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या का रूप धारण कर लेता है। प्रदूषण के चलते राजधानी एक तरह से गैस चैंबर में तबदील हो जाती है और लोगों को सांस लेने लायक हवा नहीं मिल पाती। दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने और मौजूदों उपायों और इंतजामों की समीक्षा के लिए मंगलवार को हुई विभिन्न एजेंसियों के साथ बैठक में कई कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार 11 नवंबर से 11 दिसंबर तक खुले में कचरा जलाए जाने के खिलाफ के अभियान चलाएगी। राय ने कहा कि धूल-रोधी अभियान का दूसरा चरण 12 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच चलाया जाएगा।
Delhi Air Pollution 10 विभाग, 550 टीमों पर जिम्मेदारी
मंत्री ने कहा कि दिल्ली में खुले में कूड़ा जलने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए 10 विभागों की 550 टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। हम लोगों से भी अपील करते हैं कि अगर उन्हें खुले में आग जलने की कोई घटना दिखाई देती है तो वे ग्रीन दिल्ली ऐप पर शिकायत करें।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध, मॉल और अन्य निर्दिष्ट र्पाकिंग क्षेत्रों में र्पाकिंग शुल्क में वृद्धि तथा मेट्रो ट्रेनों और डीटीसी बसों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
Delhi Air Pollution पराली ने भी बढ़ाया प्रदूषण
दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी गत रविवार को बढ़कर तीन साल के उच्चतम स्तर 48 प्रतिशत पर पहुंच गई और सोमवार को सरकारी एजेंसियों ने राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की 5,450 घटनाओं की सूचना दी, जो इस मौसम में सबसे अधिक है।
गोपाल राय ने कहा कि इसमें किसानों की गलती नहीं है। उनके खिलाफ किसी भी बयान का कोई मतलब नहीं है। पराली का समाधान सरकारों को देना था। हमने दिल्ली में यह करके दिखाया है (कैसे पराली जलाने पर अंकुश लगाया जा सकता है)। अन्य राज्यों में ऐसा करने की इच्छाशक्ति की कमी है।
Delhi Air Pollution नहीं सुधर रहा एक्यूआई लेवल
राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों अनुसार एक्यूआई 400 दर्ज किए जाने के साथ ही बहुत खराब श्रेणी में रहा। सरकारी एजेंसियों के अनुसार, 0-50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को बहुत खराब और 401-500 को गंभीर-खतरनाक माना जाता है।
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