India News (इंडिया न्यूज),Delhi Air Quality News: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने एक अहम कदम उठाते हुए ‘धूल प्रदूषण नियंत्रण स्व-मूल्यांकन पोर्टल’ लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर सभी निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं को पंजीकृत करना अनिवार्य होगा, साथ ही नियमित रूप से धूल नियंत्रण ऑडिट भी अपलोड किए जाएंगे। यह पोर्टल न सिर्फ स्व-मूल्यांकन में मदद करेगा, बल्कि दूरस्थ निगरानी के लिए भी डिजाइन किया गया है।

500 वर्ग मीटर से बड़ी परियोजनाओं पर होगी सख्त निगरानी

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के दिशा-निर्देशों के तहत, 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक के भूखंड क्षेत्र वाली सभी निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं का पंजीकरण इस पोर्टल पर अनिवार्य कर दिया गया है। डीपीसीसी ने सभी ठेकेदारों, बिल्डरों और अन्य संबंधित हितधारकों को अपनी परियोजनाओं को तुरंत पंजीकृत करने का आदेश दिया है, ताकि धूल प्रदूषण पर नजर रखी जा सके। एक बार निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, साइट को पोर्टल पर ‘पूर्ण’ के रूप में चिह्नित किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि परियोजना के दौरान धूल नियंत्रण के उपाय लगातार बनाए रखे गए हैं।

एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल होगा अनिवार्य

डीपीसीसी के मुताबिक, इस पहल का मुख्य उद्देश्य निर्माण गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण को नियमित रूप से मॉनिटर करना और उसकी जानकारी देना है। सीएक्यूएम ने यह भी निर्देश दिया है कि निर्माण कार्यों में प्रदूषण के स्तर के अनुसार एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जाए। दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क और निर्माण कार्य को रोकने जैसी कड़ी सजा का प्रावधान भी किया गया है।

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दिल्ली सरकार ने बुलाई आपात बैठक

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए आपात बैठक बुलाई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी के 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट्स पर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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