India News Delhi (इंडिया न्यूज),Delhi Bus Marshal Row: नौकरी से निकाले गए बस मार्शलों को लेकर पिछले कुछ दिनों में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। शनिवार को भी इस मुद्दे को लेकर सचिवालय के बाहर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। एक वीडियो में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़ते नजर आ रहे हैं। दूसरे वीडियो में सीएम आतिशी गुप्ता की गाड़ी में बैठती नजर आ रही हैं। गुप्ता का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों ने उन्हें धक्का दिया। गुप्ता ने मंत्री सौरभ भारद्वाज और कुछ विधायकों के खिलाफ आईपी एस्टेट और सिविल लाइंस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है।
गुप्ता का कहना है कि शनिवार सुबह साढ़े दस बजे सचिवालय में सीएम आतिशी के साथ बस मार्शलों के मुद्दे को लेकर बैठक थी। जैसे ही वह भाजपा विधायकों के साथ बैठक में पहुंचे तो वहां पहले से ही आम आदमी पार्टी के करीब 20-25 विधायक और सौरभ भारद्वाज मौजूद थे। बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली और इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक बैठक में हूटिंग और नारेबाजी करते रहे। गुप्ता का कहना है कि इस दौरान मैंने सीएम से कहा कि बस मार्शलों की नियुक्ति के लिए फाइल आगे बढ़ाएं। लेकिन, उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। तय हुआ कि इस मामले को लेकर सभी को एलजी के पास जाना चाहिए। जैसे ही मैं बाहर आया तो आप विधायक और सौरभ भारद्वाज ने मुझे धक्का दिया।
तभी सीएम आतिशी जल्दी से मेरी गाड़ी में घुस गईं। जिसमें पहले से ही बीजेपी विधायक और बस मार्शल समेत 8 लोग बैठे थे। गुप्ता का कहना है कि जब मैं दूसरी गाड़ी की तरफ बढ़ा तो सौरभ भारद्वाज ने मुझे धक्का दिया और मेरा पैर पकड़ लिया। इसके विरोध में मैंने दो थानों में सौरभ भारद्वाज और आप विधायकों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। गुप्ता का आरोप है कि बस मार्शलों की नियुक्ति को लेकर जल्दबाजी में कैबिनेट नोट बना दिया गया। कैबिनेट मीटिंग में न तो परिवहन मंत्री मौजूद थे और न ही परिवहन सचिव और मुख्य सचिव। नियमानुसार कैबिनेट मीटिंग में परिवहन मंत्री की ओर से यह प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए था। लेकिन, आप नेताओं ने ऐसा नहीं किया।
बस मार्शलों की भर्ती प्रक्रिया पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘जिस तरह से विजेंद्र गुप्ता जी कल बार-बार गाड़ी से उतरकर भाग रहे थे और उपराज्यपाल के पास नहीं जा रहे थे, उससे साफ है कि उन्हें पता है कि इसके लिए ताकत उपराज्यपाल के पास है। कल बीजेपी की पोल खुल गई, इसलिए अब उपराज्यपाल को दबाव में आकर बहाली करनी पड़ेगी। हम पहले दिन से ही यह कह रहे थे। उपराज्यपाल को कहना चाहिए कि भर्ती की ताकत मेरे पास नहीं है, बल्कि चुनी हुई सरकार के पास है, हम सबको भर्ती करेंगे। उन्हें यह लिखकर देना चाहिए।’
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