India News(इंडिया न्यूज) Mehndi Garg \Delhi News: दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। इन चुनावी सरगर्मियों के बीच बहुत से मुद्दे चर्चाओं का विषय बन चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि शराब घोटाला जैसा बड़ा मुद्दा इस चुनाव पर कितना असर डालने वाला है।

बीजेपी और कांग्रेस दोनों विपक्षी पार्टियों ने

पिछले कुछ दिनों से ये साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक समय पर अपनी ईमानदारी के लिए जानी जाने वाली आम आदमी पार्टी पर शराब घोटाले की तलवार लटक रही है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर लगातार अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को घेरा हुआ है और कहीं न कहीं इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बना दिया है। लेकिन इस सियासत के बीच दिल्ली की जनता शराब घोटाले को लेकर क्या सोचती है और ये मुद्दा दिल्ली के दिल पर कितना प्रभाव डाल रहा है इसपर अभी भी संशय बना हुआ है। इसी सवाल को लेकर जब दिल्लीवालों से पूछा गया तो दिल्ली के अलग-अलग जगहों से  कई राय सामने आई हैं।

केजरीवाल चाहे बेल पर बाहर हैं, लेकिन आरोप तो..

उत्तम नगर में रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है, ‘केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है, शराब घोटाले में सब कुछ लूट लिया है।’ वहीं दूसरी और उत्तर पश्चिमी इलाके में रहने वाले एक व्यापारी ने कहा कि ‘ये घोटाले की खबरें राजनीति से प्रेरित भी हो सकती है, केजरीवाल की शिक्षा और फ्री बिजली-पानी जैसी सेवाएं अच्छी हैं, लोगों को वो काम भी देखना चाहिए।’ इसके अलावा चांदनी चौक में रहने वाले एक दिल्लीवाली की राय है कि, ‘केजरीवाल चाहे बेल पर बाहर हैं, लेकिन आरोप तो लगे हैं, कुछ तो सच्चाई होगी ही जो इतना समय जेल में बिताकर आए।’

दिल्ली की जनता इसे साजिश मानती..

इन सभी प्रतिक्रियाओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इन चुनावों में शराब घोटाले का मुद्दा बहुत असर डालता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्लीवालों के मन में चाहे अलग-अलग राय हैं, लेकिन कहीं न कहीं इस मुद्दे को दिमाग में रखकर दिल्ली की जनता अपना वोट डाल सकती है।हालांकि ये देखना दिलचस्प होगा कि शराब घोटाले का ये मुद्दा किस करवट मोड़ लेता है। अरविंद केजरीवाल लगातार इसे विपक्ष की साजिश बता रहे हैं लेकिन क्या दिल्ली की जनता इसे साजिश मानती है या फिर केजरीवाल को आरोपी ये इन चुनावों में साफ हो जाएगा।

 दिल्ली वालों के मन में..

एक बात साफ है कि दिल्ली का ये चुनाव आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों के लिए ही साख की लड़ाई नज़र आ रहा है। इस सबके बीच ये देखने वाली बात होगी कि आखिरकार राजधानी की गद्दी और दिल्ली वालों के मन में जगह कौन बना पाता है, 10 साल बाद एकबार फिर केजरीवाल सरकार या फिर अबकी बार दिल्ली में डबल इंजन की सरकार?

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