India News (इंडिया न्यूज),Delhi Farmers News: दिल्ली के शहरीकृत गांवों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। 14 साल की लंबी प्रतीक्षा के बाद, राजधानी में कृषि भूमि के म्यूटेशन की प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जा रहा है। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा म्यूटेशन पर लगी रोक को हटाने के बाद, अब विरासत में मिली जमीन पर मालिकाना हक का सपना सच हो सकेगा। यह प्रक्रिया 20 सितंबर से शुरू होकर 5 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें 166 गांवों में 74 कैंप लगाए जाएंगे।
74 कैंपों के माध्यम से होगा म्यूटेशन
दिल्ली सरकार का राजस्व विभाग, उपराज्यपाल के निर्देशानुसार, 11 राजस्व जिलों के 166 गांवों में 74 कैंपों का आयोजन कर रहा है। इन कैंपों में दिल्ली के शहरीकृत गांवों में रह रहे लोगों की विरासत में मिली जमीन के रिकॉर्ड्स को अपडेट किया जाएगा, जिससे उन्हें उनकी जमीन पर मालिकाना हक मिल सकेगा। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सरलता के लिए सभी जिलों के डीएम और एसडीएम को इन कैंपों की निगरानी का निर्देश दिया गया है।
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प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर मिली खुशखबरी
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन, 17 सितंबर, को एलजी विनय कुमार सक्सेना द्वारा की गई थी। एलजी ने स्पष्ट किया था कि म्यूटेशन के लिए लोगों को डीएम या सब-रजिस्ट्रार ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अधिकारी खुद लोगों के घर जाकर म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी करेंगे, ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
इतिहास बनेगा यह फैसला
एलजी सक्सेना का मानना है कि यह निर्णय लाखों दिल्लीवासियों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। वर्ष 2010 से जिन लोगों को उनकी विरासत की जमीन पर अधिकार से वंचित किया गया था, उन्हें अब उनका हक मिल सकेगा। इस ऐतिहासिक कदम से वर्षों से लंबित यह मांग पूरी होने जा रही है, जो दिल्ली के निवासियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगी।
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