India News (इंडिया न्यूज),Delhi Gaza Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुक्रवार को गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हुआ। यह प्रदर्शन फिलिस्तीन सॉलिडेरिटी ऑर्गनाइजेशन की ओर से आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हिस्सा लिया। विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों, कार्यकर्ताओं और संगठनों ने भारत सरकार से मांग की कि वह फिलिस्तीन को लेकर अपनी पारंपरिक विदेश नीति पर कायम रहे। प्रदर्शनकारियों ने गाजा में हो रही हिंसा की कड़ी निंदा की और इजरायल के हमलों को मानवता पर हमला करार दिया।

भारत सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल

विरोध प्रदर्शन के दौरान सीपीआई (एम) की नेता सुभाषिनी अली ने भारत सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर दिन गाजा में निर्दोष बच्चों की मौत हो रही है, लेकिन भारत सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही। उन्होंने आरोप लगाया कि इजरायल लगातार बेरहमी से हमले कर रहा है और दुनिया खामोश है।

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि भारत को अपनी पुरानी विदेश नीति पर अडिग रहना चाहिए और फिलिस्तीन के समर्थन में बोलना चाहिए। प्रदर्शन में शामिल एक अन्य छात्र नेता ने कहा कि इजरायल लगातार सीजफायर उल्लंघन कर रहा है और निर्दोष नागरिकों को मार रहा है, जो मानवता और सभ्यता के मूल्यों पर सीधा हमला है।

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गाजा में मरने वालों की संख्या 50 हजार के करीब

गाजा की स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 49,617 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि 1,12,950 लोग घायल हुए हैं। हालांकि यह संख्या सटीक नहीं है क्योंकि हजारों लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। इजरायली हमलों के कारण गाजा में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की जा रही है।

500 से अधिक लोगों ने लिया विरोध प्रदर्शन में हिस्सा

इस विरोध प्रदर्शन में 500 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद थे। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि वह फिलिस्तीन को लेकर अपना परंपरागत रुख अपनाए और इस मुद्दे पर खुलकर बोले।

गांधी भी थे यहूदी राष्ट्र के खिलाफ

प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी के विचारों का भी जिक्र किया गया। गांधी ने यहूदी राष्ट्र बनने का विरोध किया था और इसे अमानवीय करार दिया था। दशकों तक भारतीय विदेश नीति फिलिस्तीन के समर्थन में रही है, लेकिन हालिया घटनाओं को देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार के बदले हुए रुख पर सवाल उठाए प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि गाजा में हो रहे नरसंहार को रोका जाए और फिलिस्तीनियों के अधिकारों की रक्षा की जाए।

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