India News (इंडिया न्यूज), Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकार नाबालिग लड़कियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा न मिलने पर गहरी चिंता जताई है। जानकारी के मुताबिक, न्यायमूर्ति प्रतिबा एम. सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने निर्देश दिया है कि केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, क्लिनिक और नर्सिंग होम यह सुनिश्चित करें कि यौन उत्पीड़न पीड़िताओं को निशुल्क सर्जरी, जांच और अन्य चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं।

Delhi Mahila Samman Yojana: अरविंद केजरीवाल करेंगे आज से योजना की शुरुआत! जानें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और लाभ

सभी पीड़िताओं को अस्पताल से मिलेगा हर संभव मदद

ऐसे में, अदालत ने यह बात स्पष्ट किया कि यदि कोई यौन उत्पीड़न पीड़िता अस्पताल, लैब, क्लिनिक या नर्सिंग होम जाती है, तो उसे किसी भी परिस्थिति में लौटाया नहीं जाएगा। इस आदेश के तहत सभी प्रकार की चिकित्सा सेवाएं निशुल्क दी जाएंगी। इसके लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को अपने नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, अदालत ने कहा कि यदि कोई अस्पताल या नर्सिंग होम इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे जुर्माने के साथ एक साल तक के कारावास या दोनों सजा दी जाएगी। इसके बाद, अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को इस संबंध में विशिष्ट आदेश जारी करने के लिए कहा है।

दिशा-निर्देशों के बावजूद समस्या थमी नहीं

इस आदेश के साथ-साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देश और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)-2023 के प्रविधानों के बावजूद पीड़िताओं को निशुल्क इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है। यह स्थिति चिंताजनक है और इसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है। बता दें, इस आदेश के साथ, दिल्ली हाई कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि यौन उत्पीड़न पीड़िताओं को आवश्यक चिकित्सा सहायता समय पर और पूरी तरह से मुफ्त मिले।

Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे प्रगति यात्रा का शुभारंभ, पश्चिम चंपारण के लिए होंगे रवाना