India News (इंडिया न्यूज़), Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों के लिए राहत का दरवाजा खोला है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) उनके घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं करेगा। ये शरणार्थी 2011 से यमुना बाढ़ के मैदानों में रह रहे हैं। 4 मार्च को डीडीए द्वारा जारी नोटिस को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी। जारी नोटिस के अनुसार, निवासियों को 6 मार्च तक जगह खाली करने के लिए कहा गया था। अब उच्च न्यायालय कोर्ट ने डीडीए को कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने मजनूं का टीला में रहने वाले 800 शरणार्थियों के लिए वैकल्पिक आवास की व्यवस्था होने तक विध्वंस पर रोक लगाने के निर्देश देने की मांग की थी।
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अगली सुनवाई तक नहीं होगी कोई कार्रवाई
लाइव लॉ के अनुसार, कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। डीडीए ने 4 मार्च को एक सार्वजनिक नोटिस चिपकाकर निवासियों से 6 मार्च तक शिविर खाली करने को कहा था। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कई वर्षों से मजनू का टीला में रह रहे हैं और अधिकारी उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान कर रहे हैं। 29 जनवरी को, यमुना बाढ़ क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, डीडीए ने निवासियों को अपने घर खाली करने का नोटिस दिया था। अब इस मामले की सुनवाई 19 मार्च को होगी।
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