India News (इंडिया न्यूज़), Delhi News: मेरठ के एक शिक्षक नितिन तोमर के साथ हुई धोखाधड़ी ने एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया है। उन्होंने सेकेंड हैंड कारों की बिक्री करने वाली एक कंपनी से कार खरीदी थी, लेकिन जब उनके पास अलग-अलग शहरों से चालान के मैसेज आने लगे, तो उन्हें शक हुआ। इस मामले की पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नितिन की खरीदी हुई कार दरअसल चोरी की थी, जिसे चोर गिरोह ने नकली दस्तावेजों के जरिए बेचा था।
सर्विस सेंटर में भी सामने आया धोखा
नितिन ने बताया कि जून 2024 में जब वह मेरठ में अपनी कार की सर्विस कराने पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि उनकी कार 28 हजार किलोमीटर चल चुकी है, जबकि मीटर में 22 हजार किलोमीटर दिखा रहा था। इसके अलावा, सर्विस सेंटर के मैनेजर ने जानकारी दी कि उनकी कार की हाल ही में नोएडा में सर्विस हो रही है और उसका जॉब कार्ड भी जारी किया जा चुका है। यह सुनकर नितिन हैरान रह गए, क्योंकि वह कभी नोएडा गए ही नहीं थे।
चालान से खुली चोरी की पोल
कुछ समय बाद नितिन के मोबाइल पर गाजियाबाद और राजस्थान के अलवर से चालान कटने के मैसेज आने लगे। इस पर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि उसी रंग और नंबर प्लेट वाली एक और कार भी चलाई जा रही है। पुलिस ने इस मामले में निखिल खत्री नाम के व्यक्ति को पकड़ा, जो नकली नंबर प्लेट के साथ नितिन की कार को चला रहा था।
दस्तावेजों की जांच से बचें धोखाधड़ी से
पुलिस ने पुष्टि की कि नितिन ही कार के असली मालिक हैं। उन्होंने पुरानी कार खरीदने वाली कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। इस घटना से सीख लेते हुए पुरानी कार खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की गहन जांच जरूरी है।
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