India News (इंडिया न्यूज),Delhi News: दिल्ली की 18 महीने की मासूम बच्ची मां के प्यार की तलाश में अनाथालय में रह रही है। बच्ची के जन्म में दो महिलाओं की भूमिका है, लेकिन दोनों में से कोई भी उसे अपनाने को तैयार नहीं है। यह मामला दिल्ली की अदालत में विचाराधीन है, जिस कारण बच्ची को गोद भी नहीं दिया जा सकता।
एक महिला ने ऐग तो दूसरी ने दिया कोख
इस बच्ची का जन्म सरोगेसी के माध्यम से हुआ था, जहां एक महिला ने ऐग दिया और दूसरी ने कोख। अप्रैल 2023 में आईजीआई एयरपोर्ट से बच्ची को बेचने की कोशिश करने वाली महिला ओम देवी को पुलिस ने पकड़ा। जांच में पता चला कि बच्ची सरोगेसी से पैदा हुई थी और उसे बेचा जा रहा था। इस मामले में डॉली नाम की महिला ने बच्ची को जन्म दिया, जबकि सरोगेसी करवाने वाली महिला सोनिका ने बेटी होने के कारण बच्ची को अपनाने से इनकार कर दिया।
डीएनए रिपोर्ट की देरी बनी बड़ी समस्या
पुलिस ने सोनिका और डॉली दोनों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन एक साल बाद भी डीएनए रिपोर्ट नहीं आई, जिससे बच्ची की जैविक मां की पहचान स्पष्ट हो सके। सोनिका पहले से दो बेटियों की मां है और वह बेटा चाहती थी, लेकिन गर्भ में बेटी होने की जानकारी मिलते ही उसने बच्ची को स्वीकारने से मना कर दिया। अदालत ने एसएचओ और एफएसएल को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द डीएनए रिपोर्ट पेश करें ताकि मामले को सुलझाया जा सके। फिलहाल, बच्ची द्वारका के एक अनाथालय में रह रही है और गोद दिए जाने की प्रक्रिया कानूनी अड़चनों के कारण रुकी हुई है।
न्याय की राह देख रही मासूम
इस पूरे मामले में छह लोग आरोपी हैं, जिनमें से पांच महिलाएं हैं। बच्ची के जन्म के बाद से वह किसी की जिम्मेदारी नहीं बन पाई है और न्याय की प्रक्रिया पूरी होने तक वह अनाथालय में ही रहेगी।
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