India News (इंडिया न्यूज),Delhi Old Vehicles Ban: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 1 अप्रैल से एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राजधानी में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों में ईंधन भरवाने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। सरकार ने इस नियम को लागू करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा लिया है, जिससे नियम तोड़ने वालों की तुरंत पहचान हो सकेगी। शहर के 80 प्रतिशत से अधिक पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे और अन्य निगरानी उपकरण लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे न केवल ओवरएज वाहनों की पहचान करेंगे, बल्कि उन वाहनों पर भी नजर रखेंगे जिनके पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र नहीं होगा।

कैसे होगी पुराने वाहनों की पहचान?

दिल्ली सरकार के इस नए नियम को लागू करने के लिए 500 से अधिक फ्यूल स्टेशनों पर नई प्रणाली स्थापित की जा रही है। जब कोई वाहन ईंधन भरवाने पहुंचेगा, तो उसकी नंबर प्लेट स्कैन की जाएगी। यदि वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द हो चुका होगा या उसके पास वैध PUC नहीं होगा, तो सिस्टम पंप कर्मियों को फ्यूल देने से रोकने का संकेत देगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्त नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी।

क्यों उठाया गया यह कदम?

दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अनुसार, पिछले साल सितंबर तक 59 लाख से अधिक वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशानिर्देशों के तहत, 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन स्वतः ही परिवहन विभाग के डेटाबेस से हटा दिए जाते हैं। यदि ऐसे वाहन सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर खड़े पाए जाते हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाता है।

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क्या मिलेगा पुराने वाहन स्क्रैप करने पर?

सरकार ने पुराने वाहन मालिकों को राहत देने के लिए एक नई नीति भी लागू की है। यदि कोई वाहन मालिक अपने अनुपयोगी वाहन को स्क्रैप करता है, तो उसे विशेष लाभ दिया जाएगा। 2024 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बेकार पड़े वाहनों के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसके तहत जब्त किए गए वाहन तभी छोड़े जाएंगे, जब मालिक यह सुनिश्चित करेगा कि वह उसे निजी परिसर में खड़ा करेगा या किसी अन्य राज्य में पुनः पंजीकरण करवाएगा।

दिल्ली सरकार ने क्या कहा?

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पहल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंपों पर उत्सर्जन निगरानी उपकरण लगाए जा रहे हैं, जिससे बिना वैध PUC प्रमाणपत्र वाले वाहनों की पहचान कर उचित कार्रवाई की जाएगी। 1 अप्रैल से लागू होने वाले इस नियम से राजधानी की हवा को साफ करने में मदद मिलेगी और प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। पुराने वाहन मालिकों के लिए यह समय रहते निर्णय लेने का मौका भी है—या तो वे अपने वाहन को स्क्रैप करें या नए नियमों का पालन करते हुए आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करें।

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