India News (इंडिया न्यूज),Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के कालकाजी माइनॉरिटी विंग के अध्यक्ष गुफरान चौधरी और बदरपुर जिले के सोशल मीडिया अध्यक्ष परवेज ने आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है। इन दोनों नेताओं ने दिल्ली की मुख्यमंत्री और ‘आप’ की वरिष्ठ नेता आतिशी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

गुफरान चौधरी और अध्यक्ष परवेज ने जॉइन की आम आदमी पार्टी

बता दें कि कांग्रेस के कालकाजी माइनॉरिटी विंग के अध्यक्ष गुफरान चौधरी और बदरपुर जिले के सोशल मीडिया अध्यक्ष परवेज ने आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया है। सीएम आतिशी ने उन्हें पार्टी की टोपी पहनाकर उनका स्वागत किया। आतिशी ने इस मौके पर अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “कालकाजी का आम आदमी पार्टी का परिवार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के कालकाजी माइनॉरिटी विंग अध्यक्ष गुफरान चौधरी और बदरपुर जिले के सोशल मीडिया अध्यक्ष परवेज ने आम आदमी पार्टी जॉइन की।”

शादी होने से पहले हुआ बवाल, किसी और लड़की से करा थे सगाई तभी मना करने पर युवक संग की ये हरकत, जानें मामला

‘आप’ में शामिल हो रहे हैं कांग्रेस के कई नेता

इससे पहले भी कई बड़े नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। युवा कांग्रेस कालकाजी के पूर्व उपाध्यक्ष जसप्रीत सिंह अटवाल, यूथ कांग्रेस कालकाजी के पूर्व महासचिव नदीम खान और जिला संगम विहार युवा विंग के पूर्व उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह अटवाल जैसे कई नामचीन नेता ‘आप’ में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा, कांग्रेस की पूर्व निगम प्रत्याशी शकुंतला परेवा, दिल्ली युवा कांग्रेस के गजेंद्र सिंह और उनकी पूरी टीम ने भी ‘आप’ का दामन थामा है। साथ ही, गुरप्रीत सिंह अटवाल, परविंदर सिंह अटवाल, राजवीर सिंह, गुरविंदर सिंह, दीपक कुमार, सहदेव, भगवान दास और अन्य कई नेता भी इस सूची में शामिल हैं।

केजरीवाल की राजनीति से प्रभावित हो रहे नेता

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की काम पर आधारित राजनीति नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। पार्टी में शामिल हो रहे नेताओं का कहना है कि वे केजरीवाल की जनसेवा और विकास की नीति से प्रेरित हैं। यह सिलसिला लगातार कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी कर रहा है।

औरंगजेब की कब्र का भी वैसे ही विध्वंस होगा, जैसा बाबरी मस्जिद का हुआ; बोले – जगद्गुरु परमहंस