India News(इंडिया न्यूज),DUSU Election 2024: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2024 की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। पिछले 11 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का वर्चस्व दिखाई देता है। एबीवीपी ने पिछले 11 में से 8 बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है, जबकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) को केवल 3 बार ही यह सफलता मिल सकी है। इस बार के चुनावों में दोनों संगठनों के बीच कड़ी टक्कर की उम्मीद है।
एनएसयूआई की नई रणनीति
एनएसयूआई ने इस बार नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने का फैसला किया है। 2017 में एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी, लेकिन इसके बाद से एबीवीपी ने लगातार तीन बार इस पद पर विजय प्राप्त की है। 2018 और 2019 में एबीवीपी ने तीन पद जीते जबकि एनएसयूआई सचिव पद ही जीत सकी थी।
महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग
डूसू चुनाव में महिलाओं के लिए दो पद आरक्षित करने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता, डीयू के विधि विभाग की छात्रा शबाना हुसैन, ने पिछले दो सालों से इस मुद्दे को उठाया है। अब कोर्ट से यह मांग की गई है कि डूसू के चार पदों में से दो पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएं। इस याचिका पर सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ में बुधवार को होनी है।
चुनावी सरगर्मियां तेज
डूसू चुनाव 27 सितंबर को होंगे और इसके नतीजे 28 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। नामांकन की प्रक्रिया जारी है और छात्र संगठनों ने प्रचार को तेज कर दिया है। इस बार के चुनाव परिणाम तय करेंगे कि किसका दबदबा कायम रहेगा। इस बार के चुनावी मुकाबले में कौन बाजी मारेगा, यह देखने के लिए सभी की निगाहें 28 सितंबर के नतीजों पर टिकी हैं।
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