India News (इंडिया न्यूज), Delhi Election 2025: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल* ने यमुना के पानी में ज़हर घोले जाने के अपने दावे पर चुनाव आयोग को सफाई दी है। बता दें, उन्होंने पत्र में दावा किया कि हरियाणा से छोड़े जा रहे पानी में अमोनिया की मात्रा अनुमेय सीमा से 700% अधिक है, जिससे दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

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केजरीवाल का दावा और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया

ऐसे में, केजरीवाल ने अपने 14 पन्नों के पत्र में 31 बिंदुओं के जरिए तर्क देते हुए कहा कि उनका बयान तथ्यों पर आधारित है और इसमें कोई आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि हरियाणा की फैक्ट्रियां औद्योगिक कचरा बिना रोक-टोक यमुना में छोड़ रही हैं, जिससे पानी विषैला हो रहा है। हालांकि, चुनाव आयोग ने केजरीवाल के जवाब को पर्याप्त नहीं माना और उनसे आरोपों के समर्थन में सबूत मांगे हैं। आयोग गुरुवार को उनके पत्र की समीक्षा करने के बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगा।

यमुना जल संकट पर सियासी घमासान

बता दें,केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अगर यह स्थिति बनी रही तो दिल्ली में पानी संकट गहराएगा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इसे “जैविक युद्ध” तक करार दे दिया, जिससे राजनीतिक विवाद बढ़ गया है। दूसरी तरफ,बीजेपी और हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जल संकट का कारण दिल्ली सरकार की लापरवाही है, न कि हरियाणा से छोड़ा गया पानी। फिलहाल चुनाव आयोग केजरीवाल के जवाब का विश्लेषण करने के बाद निर्णय लेगा कि उन पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं।

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