इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Enactus Kirori Mal College : इनेक्टस एक अंतर्राष्ट्रीय, गैर-लाभकारी संगठन और विद्यार्थी, शैक्षिक एवं व्यवसायिक अधिनायकों का समुदाय है जो समूचे विश्व के वंचित वर्गों के सार्थक विकास और संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति हेतु उद्यमी परियोजनाओं के जरिए परिवर्तन लाने को संलग्न है।

इनेक्टस किरोड़ीमल कॉलेज(Enactus Kirori Mal College) इसी का एक छात्र अध्याय है जिसमें लगभग 80 छात्रों का समूह सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित समुदायों के लिए एक ऐसा व्यवसाय विकसित करता है जो उनके सर्वांगीण विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।

4 परियोजनाओं पर काम कर रही है संस्था (Enactus Kirori Mal College )

“राष्ट्र की सबसे ताकतवर शक्ति युवा शक्ति है, क्योंकि एक युवा ही नई सोच, जोश व असीम ऊर्जा का स्त्रोत होता है।” इस उक्ति से प्रेरित ये परिवर्तनाकांक्षी युवा अपनी उद्यमशीलता, उत्साह और नि:स्वार्थता से संस्था को नई पहचान दे रहे हैं। यह संस्था वर्तमान में 4 परियोजनाओं पर काम कर रही है- प्रोजेक्ट डोर, प्रोजेक्ट स्याही, प्रोजेक्ट जनभूमि और नीरव।

प्रोजेक्ट डोर (Enactus Kirori Mal College)

प्रोजेक्ट डोर के अंतर्गत बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से आई महिलाओं को टाई-डाई तकनीक से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिसमें जेंडर न्यूट्रल कॉटन व चंदेरी स्कार्फ, दुपट्टा एवं कुशन कवर शामिल हैं।

डोर एक जीरो वेस्ट (अपशिष्ट शून्य) एवं पर्यावरण हितैषी फैशन ब्रांड है जहां दोषयुक्त कपड़े का उपयोग पोटली बनाने में किया जाता है। पॉलिथीन की जगह पेपर बैग में पैकेजिंग की जाती है। समुदाय की संकल्प शक्ति एवं युवाओं के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप डोर ने इन महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना पितृसत्तात्मक समाज में उन्हें नई पहचान दी है।

प्रोजेक्ट स्याही (Enactus Kirori Mal College)

प्रोजेक्ट स्याही की महत्वाकांक्षी पहल पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या बन रहे प्लास्टिक के विरुद्ध है। देश में हर साल ढाई सौ करोड़ से ज्यादा प्लास्टिक पेन बाजार में आते हैं जिनमें से ज्यादातर केवल एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिए जाते हैं।

स्याही परियोजना के तहत संस्था महिलाओं के सहयोग से इस्तेमाल किए हुए कागज को दोबारा उपयोग करकागज की कलम का निर्माण करती है जो ग्राहक की इच्छा अनुकूल अलग-अलग डिजाईनस में तैयार किए जाते हैं। इसके पिछले हिस्से में कुछ बीज होते हैं जिन्हें बोकर नए पौधों को जीवन दिया जा सकता है।

प्रोजेक्ट जनभूमि

प्रोजेक्ट जनभूमि भूमि क्षरण एवं अक्षम अवशिष्ट प्रबंधन की समस्या सुलझाने के उद्देश्य से कार्यशील है। इसके लिए संस्था ने एंजेलिक फाउंडेशन के साथ मिलकर दिल्ली के बिरला मंदिर में कंपोस्टिंग मशीन स्थापित की जिससे मंदिर में चढ़े सभी फूलों को एकत्रित कर कंपोस्ट (फूलों से तैयार खाद) में परिवर्तित किया जा सके। उनके इस प्रयास से इन फूलों का नदियों में फेंका जाना बंद हुआ और संस्था अपनी इस योजना को विस्तार देने हेतु तत्पर है।

अक्टूबर 2018 में संस्था ने हरियाणा सरकार की सहभागिता से पलवल के 75 से अधिक गांवों में 200 से अधिक कम्पोस्ट पिट स्थापित कर स्थानीय किसानों को वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। बागवानी के शौकीन लोगों के लिए ये गार्डनिंग टूलकिट भी बेचते हैं जिसमें 5 उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण शामिल हैं।

नीरव

नीरव इनेक्टस किरोड़ीमल की हालिया पहल है जिसके जरिए प्रमाणित मनोविज्ञान विशेषज्ञों द्वारा निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराई जाती हैं। लाभाकांक्षी की इच्छा अनुसार समय, संवाद भाषा, एवं माध्यम का चयन किया जाता है एवं लाभार्थी की पहचान भी गोपनीय रखी जाती है।

नीरव द्वारा मानसिक स्वास्थ्य विषय पर नियमित तौर पर अनुभवी मनोवैज्ञानिकों एवं अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों संग लाइव सत्र आयोजित किए जाते हैं। नीरव मानसिक विकारों से जुड़े असंवेदनशील कलंक को मिटाने हेतु जागरूकता पैदा करता है।

अत: इनेक्टस किरोड़ीमल कॉलेज(Enactus Kirori Mal College) संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों जैसे- गरीबी का अंत, लैंगिक समानता, सम्मानजनक कार्य एवं आर्थिक विकास, सतत उपभोग, जलवायु परिवर्तन इत्यादि को साकार करने हेतु दृढ़संकल्पित होकर ‘वी आॅल विन’ के आदर्श वाक्य को आत्मसात कर विश्व के नव-निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है।

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