India News (इंडिया न्यूज), Delhi: फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मंगलवार (9 जुलाई) को छतरपुर के सतबरी स्थित सार्क चौक पर उस स्थल का दौरा करेगी। जहां दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा लगभग 1100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है। आम आदमी पार्टी ने शनिवार (6 जुलाई) को आरोप लगाया था कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली के रिज क्षेत्र के पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र में हजारों पेड़ों को काटने का आदेश दिया है। सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया कि तथ्य अन्वेषण समिति कल सुबह करीब 11:30 बजे सार्क चौक, सतबरी छतरपुर स्थित उस स्थल का दौरा करेगी। जहां डीडीए द्वारा करीब 1100 पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है। आरोप है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर रिज के इको-सेंसिटिव जोन में अवैध रूप से पेड़ों को काटा गया है।
आप ने लगाया आरोप
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया कि पर्यावरण के संबंध में भाजपा की खराब नीतियों के कारण पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में देश 180 देशों में से 180वें स्थान पर आ गया है। वहीं यह खबर दक्षिणी रिज में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई की खबरों के बीच आई है। प्रियंका कक्कड़ ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि आप दिल्ली में हरियाली बढ़ाने की कोशिश कर रही है। भाजपा के एलजी ने सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए हजारों पेड़ों को काटने का आदेश दे दिया। भाजपा ने गलत सूचना फैलाने की कोशिश की कि केजरीवाल के आदेश के अनुसार पेड़ काटे गए। उन्होंने कहा कि अगर उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज है, तो उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं जमा किया? भाजपा को सुप्रीम कोर्ट से झूठ बोलना बंद करना चाहिए।
डीडीए ने काटे हजारों पेड़
बता दें कि, दिल्ली के दक्षिणी रिज में 1100 पेड़ों की अवैध कटाई के मद्देनजर कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी और इमरान हुसैन की तीन सदस्यीय तथ्य खोज समिति का गठन किया गया था। वन विभाग के अधिकारियों के साथ 26 जून को हुई बैठक में पर्यावरण एवं वन मंत्री को बताया गया कि दक्षिणी रिज में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा पेड़ों की अवैध कटाई करके वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 और दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1994 का उल्लंघन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है। समिति को 11 जुलाई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।