India News (इंडिया न्यूज),Fake Visa News: दिल्ली पुलिस ने आईजीआई एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में रविवार को एक फर्जी वीजा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज, पासपोर्ट और उपकरण बरामद हुए हैं। इस गिरोह ने 2000 से ज्यादा लोगों को फर्जी वीजा के जरिए विदेश भेजा और करीब 300 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है।
स्वीडन का फर्जी वीजा बरामद
दिल्ली के तिलक नगर इलाके में चल रही इस फैक्ट्री का खुलासा तब हुआ जब 2 सितंबर को हरियाणा निवासी संदीप को आईजीआई एयरपोर्ट से रोम जाते समय गिरफ्तार किया गया। संदीप के पास स्वीडन का फर्जी वीजा पाया गया। पूछताछ के दौरान संदीप ने बताया कि उसने 10 लाख रुपये में यूरोप जाने का सौदा किया था, जिसमें से 7.50 लाख रुपये उसने एजेंट को दे दिए थे।
पूछताछ में तीन आरोपी हुए गिरफ्तार
पुलिस की जांच में पता चला कि इस फर्जी वीजा रैकेट का मुख्य आरोपी आसिफ अली है, जिसने नवीन राणा और शिवा गौतम के साथ मिलकर वीजा तैयार किए। पूछताछ के बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद बलबीर सिंह और जसविंदर सिंह की भी संलिप्तता सामने आई, जो फर्जी वीजा के कारोबार में शामिल थे।
16 नेपाली, दो भारतीय और 30 फर्जी वीजा बरामद
आखिरकार, पुलिस ने मनोज मोगा नामक व्यक्ति को तिलक नगर स्थित उसकी फैक्ट्री से गिरफ्तार किया, जहां फर्जी वीजा बनाए जाते थे। मनोज ने स्वीकार किया कि वह एजेंटों से वॉट्सऐप और सिग्नल के जरिए संपर्क करता था और फर्जी वीजा तैयार करता था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान 16 नेपाली पासपोर्ट, दो भारतीय पासपोर्ट, 30 फर्जी वीजा स्टीकर, लैपटॉप, स्कैनर, कलर प्रिंटर और अन्य उपकरण जब्त किए हैं। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह ने असली और नकली वीजा में अंतर पहचानना बेहद मुश्किल कर दिया था। मामले की जांच जारी है, और अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है।