India News (इंडिया न्यूज),Farmers Protest News: किसान एक बार फिर केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने 26 नवंबर से आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है। पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 200 दिनों से जारी आंदोलन अब भूख हड़ताल और दिल्ली कूच का रूप लेने वाला है।

क्या है किसानों की मांग ?

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे। आंदोलनकारियों ने यह भी घोषणा की है कि यदि अनशन के दौरान उनकी जान जाती है तो उनका अंतिम संस्कार नहीं होगा, बल्कि कोई अन्य नेता अनशन की जिम्मेदारी संभालेगा। किसानों की मुख्य मांग एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना है। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान करते हुए किसानों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे देश में प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे। साउथ इंडिया से आए किसान नेताओं ने भी इस आंदोलन में समर्थन जताते हुए हर जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना देने की बात कही है।

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मांग पूरी न होने पर देशभर में तेज होगा आंदोलन

किसान नेताओं ने यह भी याद दिलाया कि पहले के आंदोलन ने सरकार को कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर किया था, लेकिन अब तक एमएसपी पर गारंटी और अन्य वादों को पूरा नहीं किया गया है। किसानों का कहना है कि वे अब अपने हक के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। सरकार से बातचीत की अपील के साथ, किसान नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो देशभर में 26 नवंबर से किसान आंदोलन की गूंज सुनाई देगी।

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