India-China Border

इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली

यूं तो भारत चीन के बीच रिश्ते कभी भी मधुर नहीं हुए, लेकिन पिछले डेढ़ साल से दोनों देशों के बीच तनातनी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। यही नहीं दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के खिलाफ 2020 से ही आमने-सामने खड़ी हैं। हालांकि गलवान घाटी में करीब 50 चीनी सैनिकों के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कई स्तर की बैठक हुई। लेकिन चीन हमेशा से ही बैठक के बाद किए गए समझौतों से किनारा करता रहा है।

द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर तोड़ी एस जयशंकर ने चुप्पी(Foreign Minister Said on Bilateral Relations )

कई दौर की वार्ता होने के बाद भी चीन अपनी विस्तारवादी नीति से बाज नहीं आ रहा है। लेह से अरुणाचल प्रदेश तक भारत की सीमा के साथ चीन की सीमा सटी हुई है। लद्दाख में अभी भी दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के विरूद्ध खड़ी हैं। वहीं दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है। उसके बाद भी चीन यहां वहां अपने मंसूबों को अंजाम देने में लगा हुआ है। ऐसे में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में न्यू इकोनॉमिक फोरम में अपने बात रखते हुए चीन को दो टूक कहा है कि भारत अपने किए वादों पर टिका हुआ है लेकिन चीन ऐसा नहीं कर रहा है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि द्विपक्षीय रिश्तों को लेकर चीन को अब भारत के रुख पर कोई संदेह होना चाहिए।

भारत और चीन के बीच 1962 से तनाव जारी(Foreign Minister Said on Bilateral Relations )

भारत चीन के बीच साल 1962 से तनाव जारी है। जब चीन ने हिंदी चीनी भाई-भाई का नारा लगाते हुए पीठ में खंजर घोंपने का काम किया था। तब से आज तक बेशक दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोली न चली हो लेकिन दोनों देशों की सेनाएं पिछले करीब डेढ़ साल में कई बार टकरा चुकी हैं। आजकल भारत और चीन की सेना अरुणाचल प्रदेश में आमने सामने खड़ी हैं। जहां पारा भी दो डिग्री के पास पहुंचा हुआ है। ऐसे में भारतीय सेना के जवान दूश्मन सेना को सर्दी में भी गर्मी का एहसास दिलवा रहे हैं।

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