India News (इंडिया न्यूज),Ganesh Chaturthi 2024: दिल्ली के बाजारों में गणेश चतुर्थी के मद्देनजर इको-फ्रेंडली गणपति मूर्तियों की मांग में 50% की वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि आपको बता दें कि, इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है। नंगली डेयरी, सरोजिनी नगर, सागरपुर, मॉडल टाउन, इंद्रपुरी, आरके पुरम जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर ये मूर्तियां बनाई जा रही हैं। गणपति बप्पा की ये मूर्तियां खास तौर पर इस प्रकार तैयार की जा रही हैं कि विसर्जन के दस मिनट बाद ही पानी में घुल जाएं, जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो। छोटे आकार की मूर्तियों को घर में ही टब में विसर्जित किया जा सकता है, जिससे गणपति की उपस्थिति और भी खास हो जाती है।
पर्यावरण के प्रति बढ़ी जागरूकता
इस बार गणेश भक्तों के बीच इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पश्चिम बंगाल से गंगा की मिट्टी और मध्य प्रदेश की लकड़ी का उपयोग कर इन मूर्तियों का निर्माण किया जा रहा है। 10 फुट तक की ऊंची मूर्तियों से लेकर 4 इंच की छोटी मूर्तियां भी उपलब्ध हैं, जिनकी कीमतें 300 रुपये से 15 हजार रुपये तक हैं। मूर्तिकार भोले बताते हैं कि इन मूर्तियों में नारियल के बुरादे और विभिन्न प्रकार की मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है।
मिट्टी से बने भगवान गणेश
जानकारी के अनुसार मूर्तिकारों का कहना है कि पहले प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की बिक्री होती थी, जिनके तालाबों में विसर्जन पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद से इको-फ्रेंडली मूर्तियों का चलन बढ़ा है। सरोजिनी नगर में रहने एक बच्ची बताती है कि उनका पूरा परिवार दिन-रात इन मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटा है, जिसमें विघ्नहर्ता के नैन-नक्श और आसन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पूरे देश में इको-फ्रेंडली मूर्तियों की मांग
दिल्ली ही नहीं, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य राज्यों से भी लोग इन मूर्तियों की मांग कर रहे हैं। गणेश चतुर्थी के इस पर्व पर भक्तगण अपने प्रिय देवता को पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ स्थापित करने के लिए उत्साहित हैं।