इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली:
Hearing will be different on the basis of religion: दिल्ली दंगे से जुड़े हत्या और आगजनी के एक मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट आरोपितों की सुनवाई उनके धर्म के आधार पर अलग-अलग करेगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने गुजरात में हुए गोधरा कांड से जुड़े मामलों को नजीर के रूप में पेश करते हुए इस मामले में अलग-अलग सुनवाई का फैसला किया है। इससे पहले अदालत इस मामले में पांच आरोपितों दीपक ठाकुर, कुलदीप, दीपक यादव, मुहम्मद फुरकान और मुहम्मद इरशाद के खिलाफ हत्या, दंगा सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में आरोप तय कर चुकी है।
24 फरवरी 2020 को शिव विहार में दंगाई भीड़ द्वारा सलमान की हत्या के मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने बहुत अजीब स्थिति पैदा हो गई। दंगे के दौरान एक युवक की हत्या में दो धर्मो को मानने वाले आरोपितों की एक साथ सुनवाई कैसे हो सकती है? कोर्ट ने कहा कि आरोपितों का बचाव निश्चित तौर पर पूर्वाग्रह से प्रभावित होगा, क्योंकि आरोपित अलग-अलग धर्म से जुड़े हैं। कोर्ट ने गोधरा कांड के मामलों की सुनवाई को नजीर मानते हुए इस मामले में आरोपितों की सुनवाई अलग-अलग करने को उचित माना।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह की स्थिति गुजरात के एक कोर्ट के सामने भी पैदा हुई थी। उस वक्त वहां के कोर्ट ने अलग-अलग धर्मो के आरोपितों के मामलों को अलग-अलग सुनवाई की अनुमति दी थी। कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि वह दो सप्ताह के अंदर आरोपपत्र को बदलाव के साथ पूर्ण रूप से अदालत में पेश किया जाए। मामले को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा।