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Heavy Rainfall in Delhi: दिल्ली में बारिश ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड

India News Editor • LAST UPDATED : September 12, 2021, 1:43 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में पिछले 2 दिनों से भारी बारिश हो रही है जिसने उमस भरी गर्मी से दिल्ली और आसपास इलाकों को राहत तो दिलाई लेकिन परेशानियां भी साथ लेकर आई। भारी बारिश ने दिल्ली (Heavy Rainfall in Delhi) का पिछले 46 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अभी तक 1100 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इससे पहले 1975 में 1150 मिलीमीटर बारिश हुई थी, लेकिन अभी मानसून 30 सितंबर तक है। जैसे आसार बन रहे हैं, उसके मुताबिक 1975 का रिकॉर्ड भी जल्द ही टूट सकता है।

Rainfall alert in Gujrat after Heavy Rainfall in Delhi

स्काईमेट वेदर के वाइस प्रेसिडेंट और मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने बताया कि अगले 24 घंटे भी तेज बारिश होने के आसार हैं, लेकिन इसके बाद यह मानसून दक्षिण यानी गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरफ फिर रुख करेगा। वे कहते हैं कि पहले इतनी बारिश 3-4 दिन में हुआ करती थी, लेकिन लगातार यह टाइम पीरियड कम होता जा रहा है। दरअसल यह नतीजा है इकोलॉजिकल डिसऑर्डर का। पर्यावरण में मानव के दखल ने मौसम के चक्र और उसकी क्षमता को भी प्रभावित किया है।

बरसात का पानी अंडरग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने का काम करता है। इतनी तेज बारिश की वजह से भू जल जमीन के भीतर जाने की जगह जहां तहां बह जाएगा। नदी-नालों में यह पानी चला जाएगा। इसी पानी से जल संरक्षण भी किया जाता है, लेकिन जब टाइम पीरियड कम हो और बारिश मूसलाधार हो तो पानी का संरक्षण भी उतना नहीं हो पाता जितना होना चाहिए। वजह फिर वही। वह रिजरवायर में इकट्ठा होने की जगह जहां तहां बह जाता है।

Three Reasons For Heavy Rainfall in Delhi

पलावत कहते हैं, मूसलाधार बारिश की पहली वजह बंगाल की खाड़ी की तरफ से पूर्वी हवाएं है। इसकी वजह से दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार नमी आ रही है। दूसरी व अहम वजह दिल्ली से लगे उत्तरी राजस्थान में निम्न दबाव का होना। जहां निम्न दबाव होता है वहां पर मानसून ट्रफ बनता है। यानी उस लाइन में पड़ने वाले इलाकों में निम्न दबाव की एक लाइन का बनना। इस लाइन में जो-जो इलाके पड़ते हैं वहां बारिश जमकर होती है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से गुजरने के बाद यह निम्न दबाव या ट्रफ लाइन दिल्ली और आसपास के इलाकों में पहुंची है।


तीसरी बड़ी वजह इकोलॉजिकल डिसऑर्डर का होना है। दरअसल, इंसानी हस्तक्षेप की वजह से मौसम चक्र भी प्रभावित हुआ है। नतीजतन जो बारिश 3-4 दिन में होती थी आज वह कुछ घंटों में हो जाती है। पिछले 24 घंटों में जो हुआ वह इकोलॉजिकल डिसऑर्डर के बढ़ने का संकेत है, लेकिन आप देखें तो लगातार बारिश का समय कम होकर कुछ घंटों में सिमट रहा है। मौसम में यह बदलाव अभी जारी है। कोई बड़ी बात नहीं कि मानसून का समय घट जाए और बारिश क्षमता बढ़ जाए। यानी जो बारिश एक हफ्ते में होनी हो वह कुछ घंटों में ही सिमट जाए।

Heavy Rainfall in delhi expected for next 24 Hours

पलावत ने आगे बताया कि दिल्ली में अगले 24 घंटे भी तेज बारिश के आसार हैं। उसके बाद यह निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण की तरफ सरकरने लगेगा। गुजरात, मध्य प्रदेश में यह क्षेत्र बनेगा। लिहाजा अगले कुछ दिन इन राज्यों के लिए मूसलाधार बारिश के आसार बन सकते हैं।
महेश पलावत कहते हैं कि अभी 30 सितंबर तक मानसून है। लिहाजा बारिश अभी और होगी। अब तक दिल्ली में 1136 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। बचे हुए दिनों में अगर 2-3 दिन भी इस तरह की बारिश अगर हो जाएगी तो रिकॉर्ड टूट भी सकता है।

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