इंडिया न्यूज, लखनऊ:
IIt kanpur दीपावली पर पटाको पर बैन हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। पर अब संभव हो गया है कि पटाके फूटे और पर्यावरण को भी नुकसान न हो। यह पटाके उल्टा पर्यावरण को बढ़ावा दें और हरियाली फैलाएं। यह संभव किया है नित नए शोध से दुनिया में खास पहचान बनाने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने, संस्था ने इसी दिशा में पर्यावरण संरक्षण की बेहतरीन पहल की है। यहां के स्टार्टअप इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेंटर से जुड़ी संस्था फूल ने बीजों को सहेज अनार, चकरगिन्नी और सुतली बम आदि तैयार किए हैैं। ये पटाखे धमाका या चिंगारी नहीं करेंगे बल्कि इन्हें पानी में भिगोने के बाद गमले या क्यारी में मिट्टी में दबाने पर कुछ दिन बाद अंकुर फूटेंगे और पौधे निकल आएंगे।
IIt kanpur बच्चें होंगे आकर्षित
इन पटाखों का मकसद बच्चों में पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ाना है ताकि बच्चे इन्हें सहेजें। यह उनके लिए भी बिल्कुल नया प्रयोग होगा। विशेषज्ञों ने बीजों को छिपाए पटाखों के अलावा लड्डू और मोदक भी तैयार किए हैं। कंपनी के संस्थापक अंकित अग्रवाल ने बताया कि यह तरीका बच्चों को पटाखों से दूर नहीं करता है। दीपावली पर पटाखे लेने की उनकी इच्छा पूरी हो जाती है और वह कुछ नया करने की सोच सकते हैं। इस व्यवस्था से बच्चों में प्रकृति के प्रति प्रेम जागेगा। पटाखे या आतिशबाजी में अलग-अलग पौधों के बीज डाले गए हैं। उन्होंने बताया कि ये पटाखे संस्था की वेबसाइट पर बुक किए जा सकते हैैं।
IIt kanpur फूलों से भी बना चुके हैं कई प्रोडक्ट
अंकित अग्रवाल और उनकी टीम धार्मिक स्थलों से निकलने वाले फूल व अन्य पूजन सामग्री से कई तरह की वस्तुएं तैयार कर चुकी है। इनमें अगरबत्ती, धूप बत्ती, थमार्कोल, गिफ्ट पैक आदि शामिल हैं। कुछ महीने पहले फूलों से कृत्रिम चमड़ा भी विकसित किया है। अब ये पटाखे तैयार किए गए हैं।
Himachal Weather Update ऊंची चोटियों पर बर्फबारी
https://indianews.in/himachal-weather-update/