(इंडिया न्यूज़, Chhath Pooja 2022): छठ पूजा के तीसरे दिन यानी 30 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली में दिल्ली प्रशासन ने यमुना नदी के पास आईटीओ घाट को सजाया गया है। यहां श्रद्धालु डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा और व्रत के अंतिम पड़ाव में 31 अक्टूबर को उदय होते सूर्य को श्रद्धालुओं द्वारा अर्घ्य देकर व्रत को संपन्न किया जाएगा। इसी के साथ इस बार यमुना के किनारे बनाए गए कृत्रिम घाटों पर ही श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे।
लेकिन इस बीच नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) आदेश जारी करते हुए कहा है कि छठ उत्सव के दौरान किसी भी तरह के प्रसाद को यमुना नदी में विसर्जित करने की अनुमति नहीं है। साथ ही, यमुना के किनारे बनाए गए कृत्रिम घाटों पूजा हो सकेगी, वहां पानी में खड़े होकर श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे। लेकिन नदी के पानी में जाने की इजाजत नहीं होगी। तो वहीं, यमुना नदी की सतह पर झाग बनने की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने रसायनों का छिड़काव किया है।
ऐसे में छठ पूजा को देखते हुए दिल्ली सरकार ने भी नए घाटों को बनाने का ऐलान किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डीजेबी के अधिकारियों ने पानी में प्रदूषकों के उच्च स्तर से बनने वाले जहरीले झाग को हटाने के उद्देश्य से कालिंदी कुंज के पास सतह पर रसायनों का छिड़काव किया।
आपको बता दें, छठ पूजा का एक अनिवार्य हिस्सा पवित्र जल में स्नान करना माना जाता है। इस त्योहारी सीजन के दौरान, दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में रहने वाले भक्त यमुना नदी की ओर जाते हैं और इसके पानी में डुबकी लगाते हैं और स्वस्थ, सुखी और समृद्ध जीवन के लिए सूर्य भगवान से आशीर्वाद लेते हैं.