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Kapal Mochan Mela 2021 कपालमोचन के सरोवरों में लाखों श्रद्धालु लगा चुके आस्था की डुबकी

Harpreet Singh • LAST UPDATED : November 17, 2021, 11:37 pm IST
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Kapal Mochan Mela 2021 कपालमोचन के सरोवरों में लाखों श्रद्धालु लगा चुके आस्था की डुबकी

Kapal Mochan Mela 2021

प्रभजीत सिंह लक्की/ मोहित कुमार, यमुनानगर/बिलासपुर:
Kapal Mochan Mela 2021: तीर्थराज कपाल मोचन में लाखों श्रद्धालु कपालमोचन, ऋणमोचन व सूरजकुंड सरोवर पर आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। मेले के तीन दिन बीत चुके हैं। गत वर्ष कोरोना महामारी के चलते मेले का आयोजन नही हुआ था इस वर्ष भी पहले जिला प्रशासन ने महामारी के चलते मेले के आयोजन को नहीं करने का निर्णय लिया था। बाद में प्रशासन ने राजनैतिक हस्तपक्षेक के चलते मेले का आयोजन करने का फैला लिया।

हर वर्ष मेले के लिए तीन महीने पहले की जाने वाली सभी तैयारियां एक सपताह में पूरी की गई है। मेले में इस वर्ष मनोरंजन के साधन सरक्स, मौत का कुआं आदि तो नही हैं मेले में दुकानें की बहुत कम है और श्रद्धालुओं की संख्या भी मेले के तीसरे दिन तक कम ही नजर आ रही हैं। परन्तु प्रशासन द्वारा पुलिस व किए गए अन्य प्रबंध पूरे हैं।

डीसी ने अधिकारियों को दिए निर्देश Kapal Mochan Mela 2021 

उपायुक्त ने मेला क्षेत्र में प्रशासनिक खंड में अधिकारियों की बैठक भी ली। उपायुक्त एवं कपाल मोचन तीर्थ श्राईन बोर्ड के मुख्य प्रशासक पार्थ गुप्ता ने कपाल मोचन मेला में तैनात विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि उन्हें जो भी जिम्मेवारी सौंपी गई है, उसे सही प्रकार से निभाएं और अपनी डयूटी में किसी भी प्रकार की कोताही न बरते। उन्होंने कहा कि मेला कपाल मोचन में विभिन्न प्रदेशों के श्रद्घालु यहां श्रद्घाभाव के साथ आते हैं और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जिम्मेवारी प्रशासन की है।

इसके लिए प्रशासन द्वारा पहले से ही बेहतर व्यवस्थाएं और प्रबंध किए गए हैं। उपायुक्त ने मेला क्षेत्र में प्रशासनिक खंड में अधिकारियों की बैठक भी ली। उन्होंने कहा कि मेला कपाल मोचन में लगे अधिकारियों की डयूटी बहुत ही अहम होती है। इसलिए सभी अधिकारी अपनी अपनी डयूटी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभाएं। Kapal Mochan Mela 2021

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिस अधिकारी की डयूटी जिस स्थान पर लगाई गई है वे उसी स्थान पर रहकर पूरी निगरानी के साथ अपनी डयूटी निभाएं। उन्होंने कहा कि कपाल मोचन मेला में पहुंचने वाले श्रद्घालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो और श्रद्घालू अपनी यात्रा उपरांत मीठी यादें व सुखद अनुभव लेकर जाएं।

इस अवसर पर बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल, एसडीएम जगाधरी सुशील कुमार, डीटीओ कम सैके्रट्री आरटीए सुभाष चन्द्र, डीएसपी जितेन्द्र कुमार, यमुनानगर के डीएसपी सुभाष चन्द्र, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. अनुप गोयल, तहसीलदार तरुण सहोता,नायब तहसीलदार प्रताप नगर तुलसी दास, बीडीपीओ जोगेश कुमार के अतिरिक्त मेला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री भी लगाएंगें आस्था की डुबकी Kapal Mochan Mela 2021 

सूत्रों से पता चला हैं कि इस वर्ष कपालमोचन मेले में हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल अपने आधा दर्जन मंत्रियों विधायकों के साथ कपालमोचन के पवित्र सरोवरों में आस्था की डुबकी लगा सकते हैं। जिसके लिए अंदर खाते प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ हैं। परन्तु अभी तक इसकी कोई भी अधिकारीक घोषणा तो नहीं हुई हैं।

अब से पहले ऐसा भ्रम फैला हुआ है कि कपालमोचन में राजनीतिक पार्टियों के लोग नही आते जो आते है वह चुनाव हार जाते हैं। अब देखना यह होंगा कि कार्तिक पूर्णिमा पर मुख्यमंत्री कपालमोचन में डुबकी लगाकार सारे भ्रम को दूर करते है या यह भ्रम बरककार रहता हैं। Kapal Mochan Mela 2021

सुरजकुंड पर बनी समाध पर नतमस्तक होते हैं श्रद्धालु Kapal Mochan Mela 2021

सुरजकुंड सरोवर के तट पर बनी दुदाधारी जी महाराज की समाध पर सभी श्रद्धालु माथा टेकने एवं पूजा अर्चना करने जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मन्नत पूर्ण होती है। इस पवित्र स्थान पर माता कुंती ने सूर्य देव की तपस्या की, जिसके कारण उन्हें पुत्र कर्ण की प्राप्ति हुई। वही इसी सरोवर के किनारे खड़े बेरी व कदम के पेड़ पर धागा बांधने से कुंआरे युवा विवाह बंधन में बधते हैं। Kapal Mochan Mela 2021

यहां पर शादी में दुल्हे को बांधा जाने वाला सेहरा भी चढ़़ाया जाता हैं। यह मान्यता है कि अकबर-ए-आजम के शासनकाल के समय तक इस स्थान पर आबादी नहीं थी, केवल जंगल ही था क्योंकि उस वक्त जनसंख्या कम थी। तीर्थ के समीप स्थित एक टीले पर झाडी के नीचे दूधाधारी बाबा केश्वदास जी तपस्या करते थे। एक दिन अकबर साम्राज्य के परगना सढौरा के काजी फिमूदीन जोकि नि:संतान एवं वृद्घ थे, शिकार खेलते हुए पानी की तलाश में यहां आए ।

उन्होंने तपस्यालीन महात्मा केशवदास तक पहुंचने का प्रयत्न किया, परन्तु जैसे ही वे उसके समीप पहुंचे तो अंधे हो गए लेकिन जब महात्मा जी ने तपस्या उपरांत आंखे खोली तो कहा कि तुम उनकी समाधि की परिधि के अन्दर आ गए हो, इसलिए कुछ पीछे हट कर अपनी बात कहो तब काजी जैसे ही पीछे हटे तो उन्हे पुन: दिखाई देने लगा और उन्होंने स्वयं को नि:संतान होने की बात कही व संतान की कामना की।

इस पर केशवदास जी ने उन्हे एक वर्ष बाद अपनी बेगम सहित आने को कहा। इसी अवधि में काजी के घर लडका पैदा हुआ और एक वर्ष बाद काजी ने सपरिवार यहां आकर केशवदास जी को जमीन देकर भगवान श्रीराम जी मंदिर बनवाया, जिसके ऊपर रोजाना चिराग जलाया जाता था। काजी हर सांय चिराग देखकर ही खाना खाते थे। उन्हीं के वंशज के रूप मे सढौरा में आज भी काजी महौल्ला आबाद है। Kapal Mochan Mela 2021

इस कारण हिन्दू व सिक्खों के अलावा मुस्लमान भी कपाल मोचन तीर्थ एवं मेला के प्रति श्रद्घा रखते है। सूरजकुंड सरोवर के नजदीक हर वर्ष कपाल मोचन मेला के अवसर पर नांगे बाबा धूना लगाकर तप करते हैं। इस मेले में भी दर्जनों बाबा धूने पर तप कर रहे हैं। Kapal Mochan Mela 2021

उतर भारत से आते हैं लाखों श्रद्धालु Kapal Mochan Mela 2021 

बिलासपुर कपाल मोचन मेले में पंजाब, हरियाणा, उतरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों के कोने-कोने से पंहुचे श्रद्घालुओं ने तीनों सरोवरों कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुण्ड में किया स्नान। धर्मनगरी बिलासपुर कपालमोचन मेले में पंजाब, हरियाणा, उतर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों के कोने-कोने से आए भारी संख्या में श्रद्घालूओं ने तीनों सरोवरों कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरज कुण्ड में स्नान किया।

श्रद्घालु हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा के मौके पर यहां लगने वाले मेले में आते हैं तथा मोक्ष की कामना से पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाकर स्नान करते हैं। मेले में श्रद्घालु खरीदारी के अलावा विभिन्न प्रकार की लगी स्टालों पर जलपान तथा अन्य जरूरत की चीजों की खरीदारी के अलावा खाने पीने की चीजों का आनंद लेते हैं।

मेले में आए पंजाब के भटिंडा जिला के गांव कोडटा कोट निवासी जसबीर सिंह व नायब सिहं ने बताया कि वे मेले में प्रतिवर्ष परिवार सहित आते हैं और यहां पर आकर के सरोवरों में स्नान करने से आत्मिक शान्ति मिलती है। Kapal Mochan Mela 2021

उन्होंने मेला कपाल मोचन में आकर मन्नत मांगी थी और उनकी मुराद पुरी होने पर वे इस वर्ष भी मेला कपाल मोचन में अपने परिवार सहित आए। इसी प्रकार जिला संगरूर के गांव खोखर कलां निवासी महिन्द्र कौर ने अपने बेटे की शादी एवं मकान बनने की मन्नत पूरी होने पर मेला कपाल मोचन मेले में परिवार सहित आई है। Kapal Mochan Mela 2021

इसके अलावा अन्य महिलाएं भी अपनी रोजमर्रा से जुड़ी चीजें, वस्त्र, स्टील के बर्तन बड़े चाव के साथ खरीद रहे हैं। प्रशासन द्वारा श्रद्घालूओं के हेतू व्यापक प्रबंध के अलावा यातायात की व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, मच्छरों से बचाव हेतू फोगिंग मशीन द्वारा मेला क्षेत्र में फोगिंग की गई। विभिन्न धार्मिक संगठनों, अन्य आश्रम स्थलों पर यात्रियों के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए ताकि श्रद्वालूओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

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