India News (इंडिया न्यूज),Kashmere Gate Metro Station: दिल्ली हाई कोर्ट ने कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के पास सरकारी जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने एमसीडी को जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कदम उठाने और सरकारी जमीन को खाली कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि एमसीडी को 27 अगस्त को याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए प्रतिवेदन पर कानून के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। इस निर्देश के साथ ही कोर्ट ने ‘डोर वेलफेयर फाउंडेशन’ की याचिका का निपटारा कर दिया।
याचिकाकर्ता की दलील पर कोर्ट का ध्यान
यह मामला तब शुरू हुआ जब एडवोकेट अमित गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में यह दावा किया गया कि कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के सामने ‘सूखा पेड़’ के पास सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की कि इस जमीन से स्टॉल, कियोस्क, और अन्य अतिक्रमण हटाए जाएं ताकि यात्रियों की आवाजाही सुचारू हो सके। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण के कारण मेट्रो यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
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एमसीडी के दावे पर कोर्ट की सख्त प्रतिक्रिया
एमसीडी ने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने सभी जरूरी कदम उठाए हैं और केवल एक झुग्गी को छोड़कर बाकी अतिक्रमण हटा दिया गया है। हालांकि, याचिकाकर्ता के वकील ने इस दावे पर आपत्ति जताई और कहा कि अभी भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। कोर्ट ने एमसीडी से इस मामले में शीघ्र और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद जताई है। दिल्ली के कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन को एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट हब के रूप में जाना जाता है, जहां रेड लाइन एलिवेटेड और येलो व वॉयलेट लाइनों के लिए भूमिगत स्टेशन है। इसलिए, यहां की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
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