(इंडिया न्यूज़, Kejriwal government is spraying toxic chemicals in Yamuna -BJP): आज शुक्रवार 28 अक्टूबर, से आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में श्रद्धालु यमुना नदी के घाटों पर पूजा करते हैं और यमुना नदी का प्रदूषण किसी से छुपा नहीं है। यमुना का प्रदूषण हर साल बढ़ता ही जाता है और जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए नजर आते हैं। इसी के चलते राजधानी दिल्ली में पूजा के दौरान इसी को लेकर राजनीति और आरोप-प्रत्यारोपों का भी दौर शुरू हो जाती है।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर छठ पूजा से पहले यमुना से झाग हटाने के लिए उसमें जहरीले रसायन का छिड़काव करने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, “दिल्ली सरकार यमुना नदी में जहरीले रसायन का छिड़काव करके यमुना को साफ करने में अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रही है।

 

बीजेपी ने दावा किया कि, “यमुना की प्रदूषण की स्थिति का जायजा लेने के लिए कालिंदी कुंज क्षेत्र का दौरा किया। हमें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि झाग को छिपाने के लिए एक बहुत ही जहरीले रसायन का छिड़काव किया जा रहा था। जो लोग छिड़काव कर रहे थे वह हमें देखकर तुरंत भाग गए। हमने शिकायत दर्ज कराई है।”

इस पर आरोप-प्रत्यारोप का घमासान शुरू हो गया और इसके साथ ही पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यमुना में डुबकी लगाने की चुनौती तक दे दी और आरोप लगाया कि ‘आप’ प्रमुख का गाजीपुर ढलाव घर का दौरा नदी में प्रदूषण के मुद्दे से ध्यान हटाने की एक चाल है।

वहीँ इस पर, आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बारे में कुछ सीखना चाहिए। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की ‘एंटी-फोमिंग’ रासायनिक तकनीक की सिफारिश केंद्र सरकार के एनएमसीजी (राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन) ने भी की है।’’

अपने एक ट्वीट में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र की ‘नमामि गंगे’ पहल ने यमुना में एक ‘एंटी-फोमिंग एजेंट’ का उपयोग करने का भी सुझाव दिया था। उन्होंने कहा कि हर रसायन ज़हर नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम छठ पूजा पर श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ घाट और झाग मुक्त यमुना मुहैया कराएंगे।’’