• जंतर-मंतर पर खरवार समाज ने प्रधानमंत्री का बड़े ही धूमधाम से मनाया जन्मोत्सव

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : 

आल इंडिया खरवार वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में अनुसूचित जनजाति समुदाय खरवार द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वे जन्मदिन के अवसर पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर शंकराचार्य त्रिकाल भवंता सरस्वती जी महाराज की अध्यक्षता में जन्मोत्सव धूम धाम से मनाया गया। इस मौके पर जन्मदिन समारोह के मुख्य अथिति विजय सोनकर शास्त्री वरिष्ठ भाजपा नेता, भूतपूर्व अध्यक्ष अनुसूचित जाति जनजाति आयोग व सांसद पकौड़ी लाल कोल थे।

सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित

रामलाल खरवार साहित्यकार के प्रेरणा से खरवार बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मजिन्दर खरवार व कोषाध्यक्ष हरेन्द्र खरवार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव में काशी के ग्यारह बटुकों के शंखनाद से उनके दीर्घायु की मंगल कामना की। कार्यक्रम के संयोजक और अखिल भारत वर्षीय खरगवंशी खरवार क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिव कुमार खरवार राही, सह संयोजक प्रभात खरवार, सह संयोजक रवीश खरवार सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।

सबका विश्वास को मजबूत करने की आवश्यकता

शंकराचार्य त्रिकाल भवंता सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भारत को बड़े ही सौभाग्य से प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी मिले हैं। जो जन सेवक बनकर देश की जनता की सेवा कर रहे हैं गरीबों, शोषितों, वंचितों के लिए काम कर रहे हैं। इसलिए हम सबको मिलकर उनके सोच सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को मजबूत करने की आवश्यकता है।

धूमधाम से मनाया गया पीएम मोदी का जन्म दिवस

विजय सोनकर शास्त्री ने कहा कि खरवार समाज भारतीय जनता पार्टी का कोर वोटर है। इस समाज का योगदान देश की आजादी से लेकर सामाजिक परिवर्तन तक रहा है लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि यह समाज आज भी राजनीतिक हिस्सेदारी और भागीदारी में पिछड़ा हुआ है भारतीय जनता पार्टी इस समाज को नेतृत्व देने का काम किया है। शिवकुमार खरवार ‘राही’ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दिवस जंतर- मंतर पर बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कलयुग के अवतारी पुरुष हैं।

शिव कुमार ‘राही’ ने कहा !

शिव कुमार ‘राही’ ने कहा कि आदिवासियों के पतन का कारण इनकी धन, धरती, संपूर्ण संपदा मुगल वंश ने दास गुलाम बनाकर बेदखल कर दिया था और अंग्रेजों द्वारा 1871 में पहला तथा 1925 में अंतिम रूप से क्रिमिनल ट्राइव्स एक्ट लगाकर अपराधी घोषित कर दिया था 1947 में भारत आजाद हो गया था सरदार बल्लभ भाई पटेल ने क्रिमिनल ट्राइव्स एक्ट हटाकर डिनोटिफाई एक्ट के तहत जनजाति घोषित कर दिया था 1950 में सरदार पटेल की मृत्यु होने के बाद आजाद भारत में हमारे लोगों को क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट के तहत जेलों में बंद करा कर आजाद भारत का चुनाव कराया गया। डरा, सहमा समाज सेवा टहल पेशा करने के लिए विवश हो गया जो वर्तमान समय में सेवा टहल कहार पेशा नाम देकर आदिवासियों को बाधित किया जाता है।