इंडिया न्यूज़, पटना।

शराब माफियाओं के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का भी केस चलेगा। इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने जिलों के अधिकारियों से चिह्नित किए गए शराब माफियाओं का प्रस्ताव मांगा है, जिन पर प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के अधीनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। बिहार पुलिस मुख्यालय में गुरुवार को समन्वय समिति की बैठक में इस बाबत निर्देश जारी किया गया। इसमें सभी क्षेत्र के आइजी-डीआइजी के साथ जिलों के एसएसपी व एसपी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

शराब बिक्री के हाट-स्पाट होंगे चिह्नित
मद्य निषेध आइजी अमृत राज ने सभी जिलों के पुलिस अफसरों को शराब बिक्री के लिए बदनाम हाट स्पाट चिन्हित करने का निर्देश दिया। उस स्थान के हाट स्पाट बनने के कारणों की पहचान कर उसका निदान करने का टास्क भी अफसरों को दिया गया। मद्यनिषेध से जुड़े कांडों का स्पीडी ट्रायल करने का भी निर्देश भी दिया गया। होली पर्व को देखते हुए पांच मार्च यानी शनिवार से शराब की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया। एडीजी संजय सिंह ने सेक्टर व बीट बांटकर रात्रि गश्ती की व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश अफसरों को दिया।

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डीजीपी एसके सिंघल ने क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों से मद्यनिषेध अधिनियम के कांडों में वांछित अभियुक्तों की सूची तलब की। कहा कि फरवरी माह में जितने अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है, मार्च में उससे तीन गुणा अधिक गिरफ्तारी का लक्ष्य तय करें। जिलों में बनी एंटी लिकर टास्क फोर्स (एएलटीएफ) मद्यनिषेध कार्रवाई की पहली कड़ी है। ऐसे में मद्य निषेध प्रभाग के काल सेंटर से सीधी काल एंटी लीकर टास्क फोर्स को दी जाए ताकि और त्वरित और कारगर कार्रवाई हो सके। डीजीपी ने डीआइजी और आइजी को एंटी लीकर टास्क फोर्स और वज्र टीम के कार्यों की समीक्षा की जिम्मेदारी दी। एएलटीएफ के पदाधिकारियों को सरकारी मोबाइल तथा सिम दिए जाने के संबंध में भी विमर्श हुआ।

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